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इन पर भी कसो नकेल, ब्राउन से सीखो

क्या आप सांसद हैं ? क्या आपने कभी पैसा खाया है, किसी को मरवाया है, किसी घोटाले में आपका नाम है, या अपने किसी भतीजे की नौकरी लगवाई है तो फ़िर भी परेशान होने की कोई ज़रूरत नही है , आप भारत में है और यहाँ सांसदों के लिए कोई आचार संहिता नही है पर भूल कर भी ब्रिटेन मत जाइएगा क्योंकि वहां आचार संहिता बने जा रही है सांसदों के लिए आचार संहिता सुनने में जरूर कुछ अजीब लग रहा होगा, पर कुछ ऐसा हुआ है ब्रिटेन में। सांसदो के खर्च घोटाले के शर्मसार खुलासों के बीच ब्रिटेन सरकार की योजना निर्माताओं के लिए बाध्यकारी कानून लागू करने की योजना बनाई है।

प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा कि उनकी योजना सांसदों के लिए बाध्यकारी कानून लागू करने की है, जो अन्य सार्वजनिक संस्थानों के लिए चेतावानी है कि कठोर छानबीन का सामना करना होगा।

संविधान सुधार विधेयक की योजना तय करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ऐसा प्रावधान शामिल होगा जो जिम्मेदारियां निर्धारित करेगा। सांसदों के लिए एक आचार संहिता होगी। ब्राउन के हवाले से मीडिया में कहा गया है कि उसके बाद हम एक स्वतंत्र बाहरी संस्था बनाएंगे। जो अब से आगे इन चीजों का प्रबंधन करेगी।

लेकिन ब्राउन की परेशानी इस से सुलझने से ज्यादा बढ़ते जा रही है , एक-एक करके उनके तीन मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं
वे एक दमदार नेता हैं और ऐसी छोटी बातों से वे डिगने वाले नही हैं , उनकी पार्टी का विशवास उन में है और वे पूरे विश्व के लिए उदहारण प्रस्तुत करना चाहते हैंउन की जय हो

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वरूण को हटाना भाजपा की नैतिक जिम्मेदारी

लंबी जांच प्रक्रिया के बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने भड़काउ भाषण देने के लिए वरूण गांधी को दोषी ठहरा हीदिया है। साथ ही भाजपा को यह सलाह भी दे डाली कि वह पीलीभीत से वरूण गांधी को उम्मीदवार न बनाए। इससलाह के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते भाजपा की यह नैतिक जिम्मेदारी बन जाती है कि वह पीलीभीत सेअपना उम्मीदवार बदल दे। सभी राजनैतिक दल भी अपने-अपने बयान जारी कर भाजपा पर यह दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
वरूण गांधी पर मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है और वरूण गांधी ने यह कहते हुए इनआरोपों को बेबुनियाद बताया था कि उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। लेकिन जब चुनाव आयोग ने वरूणको यह साबित करने को कहा तो वे इसमें नाकाम रहे। मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी भी कह चुके हैं किवीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। भारत के चुनावी इतिहास में संभवतः यह पहला मौका है जब आयोगने किसी पार्टी को ऐसी सलाह दी हो।
चुनाव के दौरान मतदाताओं को इमोशनली ब्लैकमेल करने के लिए राजनेता इस तरह के हथकंडे अपनाते रहे हैं।कईयों को तो दोषी भी करार दिया गया और कुछ किसी तरह गोलमोल कर बच निकलने में सफल हो गए। लेकिनमामला यहां तक नहीं पहुंचा था।
भारतीय राजनीति के लगातार गिरते स्तर का यह एक अच्छा खासा उदाहरण है। इस घटनाक्रम के बाद भाजपा केपार्टी विद डिफरेंस की छवि एक बार फिर उजागर हुई है लेकिन इस बार भी किसी तरह की आड़ी-तिरछीबयानबाजी कर वह अपना पलड़ा झाड़कर इस प्रकरण से मुक्त होने की कोशिश करेगी।
यदि आपने ये वीडियो पहले नही देखा हो तो अब देख लें । एडिटेड है ,
भगवान बचाए ऐसे नेताओं से

आप इसे क्या कहेंगे ज़रूर बताएं ।

पोस्ट अच्छी लगे तो ईमेल से भी पढें कहीं कुछ छूट नही जाए

`सोशल ट्रीटमेंट´का संकल्प लेना होगा

प्रस्तुति-योगेश पांडे





अंतराष्ट्रीय
महिला दिवस पर जगह- जगह संगोष्ठियॉं हो रही है। अखबारों में अग्रलेख छप रहे हैं, पुलआऊट महिला केंद्रित दिख रहे हैं। इन सबमें महिलाओं को समाज के एक उपेक्षित हिस्से के रुप में रेखांकित किया गया है। लेकिन ऐसा करके क्या वाकई हम महिला दिवस की प्रासंगिकता को साकार कर रहे हैं या सिर्फ ....
जो खास सवाल है वो हमें खुद से पूछना होगा। क्या महिला का अस्तित्व एक समाज और व्यक्ति से परे है? ठीक है समाज के कुछ हिस्सों में उसे अन्य हिस्सों की तरह स्वतंत्रता और स्वच्छंदता नहीं है।
मुझे लगता है कि पूरे देश और समाज की यही एक मात्र समस्या है कि हम चीजों और समस्याओं को वर्गीकृत कर देना चाहते हैं। हम ये नहीं देखना चाहते कि यदि कहीं समाज का कोई तबका उपेक्षित या अपने अधिकारों से वंचित है तो ये उस समाज और उस पूरे परिवेश की समस्या है। हमें उस परिवेश पर ध्यान केंद्रीत करना होगा। उस मनोविज्ञान को परखने की कोशिश करनी होगी। दरअसल ऐसा करके हम समस्याओं को टुकड़ों में बॉट देते हैं और फिर हो-हल्ला मचाते हैं कि ये नहीं हो रहा है वो नहीं हो रहा है। समस्याओं को टूकड़ों में बॉंटने की इसी आदत के कारण तो आए दिन हमें अखबारों में ये पढ़ने मिल जाता है कि `दलित महिला का उत्पीडन और आदिवासी महिला का उत्पीडन´ आदि आदि। ये शब्दों का वह भ्रम है जो हमें मूल समस्या के समाधान से और ज्यादा दूर करता जाता है। हमारी दृष्टि को भ्रमजाल में उलझा जाता है। हम ये नहीं तय कर पाते कि इस समस्या की जड़ क्या है? उसका समाधान कैसे हो सकता है? जहॉं तक मुझे लगता है कि बात महिला के अधिकारों की नहीं व्यक्ति के अधिकारों और उसके प्रति संजीदगी की है। हमें महिलाओं की समस्या का समाधान भी उसी स्तर पर खोजना होगा। महिला आरक्षण के मामले में भी वैसा ही है। क्या ये सही नहीं है कि महिला आरक्षण विधेयक पारित न होने के बावजूद भी महिलाएं आज शीर्ष पदों से लेकर पंचायत स्तर में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है। जो लोग महिलाओं के पृथक अधिकारों की पैरवी कर रहे हैं वे उस प्रक्रिया से लाभ कमाना चाहते हैं। चाहे वह राजनीतिक हो, सामाजिक या आर्थिक , आखिरी में ये कहना ज्यादा बेहतर है कि पहले भी अतीत में मातृसत्तात्मक समाज रहे हैं और मुझे लगता है कि अभी भी 50 फीसदी से ज्यादा घरों में घर के प्रबंधन की जिम्मेदारी महिलाएं ही संभालती है। हमें अपना ध्यान उस परिवेश पर केन्द्रीत करना होगा जहॉं ऐसा नहीं है। गॉंव में तो आज भी महिलाएं जंगल से सिर पर ढोकर लकड़ी लाती है और उसे पास के ही शहर में बेचने जाती है। ऐसा नहीं है कि ग्रामीण और आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग में महिलाओं को बराबरी का दर्जा नहीं है। दरअसल जो लोग महिलाओं को आगे नहीं आने देना चाहते वे वह हैं जिन्हें उनके आगे आने से स्वयं का अस्तित्व खतरे में दिखाई पड़ता है। हमें ऐसे लोगों को पहचान कर उनका `सोशल ट्रीटमेंट´ करना होगा। इस प्रक्रिया को किसी एक दिन और दिवस में बॉंधना इस प्रक्रिया की गति को और धीमा करेगा। इस दिन को हमें एक संकल्प दिवस के रुप में स्थापित कर ये संकल्प लेना होगा कि हम पूरे समय सोशल ट्रीटमेंट की अपनी प्रक्रिया को रफ़्तार देते रहेंगे । आत्मुल्यॉंकन करेंगे और पर उपचार करेंगे कि महिलाएं दोयम नहीं, आपके और हमारे अस्तित्व का अनिवार्य और अटूट अंग है। .....


एक वोटर के लिए पोलिंग बूथ

चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है। लोकतंत्र का यह उत्सव लगभग डेढ़ महीने चलेगा। मतदान पांच चरणो में संपन्न होगा। पहले चरण में 124 सीट, दूसरे में 141 सीट, तीसरे में 107 सीट, चौथे में 85 सीट, पांचवे में 86 सीट पर मतदान होगा। उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर में पांच चरणों में चुनाव होंगे जबकि बिहार में चार, महाराष्ट्र और पिश्चम बंगाल में तीन, आंध्रप्रदेश, असम, झारखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर, उड़ीसा और पंजाब में दो चरणों में मतदान होगा। शेष राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एक चरण में मतदान होगा। आंध्रप्रदेश, सिक्किम और उड़ीसा के विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ संपन्न होंगे। मतदान 16 अप्रैल, 23 अप्रैल, 30 अप्रैल, 7 मई और 13 मई को होगा। सभी सीटों की मतगणना 16मई को होगी। 1 जून को 14वीं लोकसभा चुनाव का कार्यकाल खत्म हो रहा है, 2 जून को नई लोकसभा का गठन किया जाना है। 499 सीटों पर नए परिसीमन के तहत चुनाव होंगे। मतदान के लिए लगभग 8 लाख 28 हजार बूथ बनाए जाएंगे। 
    पंद्रहवी लोकसभा के लिए लगभग 71 करोड़ मतदाता अपने मतदान अधिकार का सामना कर सकेंगे, इनकी संख्या पिछले आम चुनाव से चार करोड़ तीस लाख अधिक है। आयोग पहली बार 522 सीटों पर फोटो परिचय पत्र के साथ फोटो मतदाता सूची का इस्तेमाल करेगा। सभी मतदाता मतदान कर सकें इसके लिए आयोग अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। उसने गुजरात के गिर के जंगलों में एक वोटर के लिए भी पोलिंग बूथ बनाया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले, झारखण्ड के कुछ जिले और अरूणाचल प्रदेश में कई पोलिंग बूथ केवल तीन-तीन मतदाता के लिए बनाए गए हैं। चुनाव के लिए लगभग 40 लाख कर्मचारियों की जरूरत होगी तो चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की जिम्मेदारी लगभग 21 लाख जवान संभालेंगे।
    पहले चरण के नामांकन के लिए अधिसूचना 23 मार्च को जारी हो जाएगी जबकि दूसरे चरण की 28 मार्च, तीसरे चरण की 2 अप्रैल, चौथे चरण की 11 अप्रैल और पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी।
कब, कहां पड़ेंगे वोट -
प्रथम चरण - 16 अप्रैल
छत्तीसगढ़, केरल, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, अंडमान निकोबार, नागालैंड, लक्षद्वीप, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा,  असम, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट्र, बिहार, मणिपुर
द्वितीय चरण - 23 अप्रैल
गोवा, त्रिपुरा, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, असम, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट, बिहार, मणिपुर, मध्यप्रदेश
तृतीय चरण - 30 अप्रैल
गुजरात, मध्यप्रदेश, सििक्कम, दमन एवं द्वीप, दादर नगर हवेली, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, महाराष्ट, पिश्चम बंगाल, बिहार
चतुर्थ चरण - 7 मई
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तरप्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, पिश्चम बंगाल, बिहार
पांचवा चरण - 13 मई
हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड, चंडीगढ़, पुडुचेरी, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल
कहां कितनी सीटें -
राज्य सीट
दिल्ली 7
छत्तीसगढ़ 11
गुजरात 26
हरियाणा 10
केरल 20
अरूणाचल प्रदेश 2
गोवा 2
हिमाचल प्रदेश 4
मेघालय 2
मिजोरम 1
नागालैंड 1
राजस्थान 25
सिक्किम 1
तमिलनाडु 39
त्रिपुरा 2
उत्तराखंड 5
चंडीगढ़ 1
अंडमान निकोबार 1
दमन द्वीव 1
लक्षद्वीप 1
पुडुचेरी 1
दादर नगर हवेली 1
कर्नाटक 28
पंजाब 13
आंध्रप्रदेश 42
उड़ीसा 21
असम 14
झारखण्ड 14
उत्तरप्रदेश 80
जम्मू एवं कश्मीर 6
महाराष्ट 48
पश्चिम बंगाल 42
बिहार 40
मणिपुर 2
मध्यप्रदेश 29
कुल 543
मध्यप्रदेश में दो चरणों में पड़ेंगे वोट
मध्यप्रदेश में दो चरणों में 23 और 30 अप्रैल को मतदान होगा। पहले चरण के लिए 13 सीटों पर मतदान होगा और द्वितीय चरण में 16 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
23 अप्रैल - खजुराहो, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, विदिशा, भोपाल, बैतूल
30 अप्रैल - मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, गुना, सागर, टीकमगढ़, दमोह, राजगढ़, देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन, खण्डवा


ऑस्ट्रेलिया ही असली बादशाह

रूप नारायण गौतम

बीते दिनों ऑस्ट्रेलिया टीम की एकदिवसीय मैचों में बादशाहत खत्म होनें पर काफी हो हल्ला मचा। मीडिया, खेलएक्सपर्ट, खेल प्रेमियों ने अपने-अपने स्तर पर कंगारू टीम की असफलता की व्याख्या की, सीनियर खिलाड़ियों कासन्यास लेना, नए खिलाड़ियों में अनुभव और तालमेल की कमीं, कुछ सीनियर खिलाड़ियों का गैर-जिम्मेंदारीपूर्णव्यवहार ये प्रमुख कारण रहे जिन्होंने कंगारू टीम के प्रदर्शन को प्रभावित किया। लेकिन हमें यह भी नहीं भूलनाचाहिए कंगारूओं के प्रदर्शन को आदर्श मानकर बाकी टीमों ने भी अपने प्रदर्शन में सुधार किया और इस टीम को नकेवल टक्कर दी बल्कि नंबर एक के सिंहासन से भी उतार दिया। आजकल एक सवाल सभी के मन में उठ रहा हैकि जिस प्रकार साउथ अफ्रीका टीम ने वन-डे में कंगारूओं की बादशाहत खत्म की है, उसी तरह अपने घर में टेस्टश्रंखला में ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ कर टेस्ट में भी कंगारूओं की बादशाहत खत्म करेगी।
लेकिन हमें क्रिकेट के वर्तमान स्तर पर पहुंचानें में टीम ऑस्ट्रेलिया के योगदान को नहीं भूलना चाहिए। इंग्लैण्डको क्रिकेट का जनक होनें का गौरव प्राप्त है, लेकिन इस पोषित करने का काम ऑस्ट्रेलिया ने बखूबी किया है। हमेंनहीं भूलना चाहिए कि जब टेस्ट मैच एकदम नीरस और बिना परिणाम के समाप्त हो जाते थे, तब कंगारू टीम केओपनर बल्लेबाजों मैथ्यू हैडन और जस्टिन लैंगर ने ही चार रन प्रति ओवर के साथ टेस्ट में रन बनाना शुरू कियाऔर रनों की दर बढ़नें के साथ मैचों में परिणाम आना भी शुरू हुए। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि किसी भीतरह की तकनीकि या खेल में नवीनीकरण लानें का श्रेय कंगारूओं को ही है, इन्होंने ही क्रिकेट में तकनीकि केसहारे खेल के स्तर को उठानें का प्रयास किया, चाहे वह बॉलिंग मशीन हो या पुराने मैचों के टेप देखकर रणनीतितैयार करनें की बात हो। कंगारूओं ने ही क्रिकेट में सबसे पहले खेल के अन्य पहलुओं जैसे फिटनेस (शारीरिक औरमानसिक) के लिए जोर दिया। बाकी क्रिकेट खेलनें वाले देश अक्सर उन्हीं का अनुकरण करते आए हैं। उनके खेलके प्रति पेशेवर नज़रिए और हर मैच जीतनें के क्रूर इरादों ने ही उन्हें इतनें वषों से नंबर एक बनाए रखा और चार विश्व कप विजेता होनें का गौरव प्रदान किया है। अब जब टीम के प्रमुख खिलाड़ी मैथ्यू हैडन, एडम गिलक्रिस्ट, जस्टिन लैंगर, ग्लेन मैक्ग्राथ, शेन वार्न सन्यास ले चुके हैं और रिकी पोंटिंग की फिटनेस पहले जैसे नहीं रही है, नए खिलाड़ियों पर काफी दारोमदार है, टीम के पास अभी भी माइकल क्लार्क, हसी बंधु, हैडिन, सिडल, साइमंड्स जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी मौजूद हैं तो रिकी पोंटिंग जैसा आदर्श कप्तान मौजूद है। निश्चय ही टीम फिर से संगठित होगी और पुरानी चम्पियनो वाली रफतार पकड़ेगी। जिसका नजराना यहां कंगारू टीम ने साउथ अफ्रीका को पहले टेस्ट मैच में 162 रनों से पीटकर दे दिया है। निश्चय ही साउथ अफ्रीका, भारत और इंग्लैण्ड इस समय कंगारू टीम के सबसे करीबी प्रतिद्वंदी हैं भारत के पास धोनी जैसा नेतृत्व है और शहवाग, युवराज, इशांत जैसे मैच जिताऊ खिलाड़ी हैं, उधर अफ्रीका टीम ने निरन्तर शानदार प्रदर्शन कर नंबर एक की कुर्सी हासिल की है, इंग्लैण्ड और न्यूजीलैण्ड में भी प्रतिभावान खिलाड़ियों की कमीं नहीं है ऐसे में लंबे समय तक प्रदर्शन के आधार पर ही तय होगा कि असली बादशाह कौन है।

खत्म हो पाकिस्तान की मान्यता

लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हमला होने के बाद अब शायद ही कोई टीम कभी पाकिस्तान का दौरा करेगी। कम से कम अगले 5 सालों तक तो नहीं। श्रीलंका को दौरे से पहले आतंकवादियों ने धमकी भी दी थी लेकिन इन धमकियों को शायद इसलिए गंभीरता से नहीं लिया गया कि ऐसी धमकियां आए दिन हर टीम के खिलाड़ियों को मिलती रहती है। श्रीलंका टीम पर हमले से साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान कां प्रशासन इन दहशतगर्दों के आगे बौना साबित हो रहा है। इस घटना heliसे एक बात और सामने आती है कि पाकिस्तान में मेहमानों की भी कोई कद्र नहीं है। ऐसे में कोई भी देश अब अपनी टीम को वहां भेजकर किसी भी तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाहेगा। पाकिस्तान की हालत को देखते हुए आईसीसी और सभी देश के क्रिकेट बोर्ड को कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। आईसीसी को चाहिए कि वह पाकिस्तान की मान्यता रद्द कर दे और उसके किसी भी खिलाड़ी को कहीं भी खेलने की अनुमति न दे। बीसीसीआई को भी इस मसले पर अन्य देशों के साथ मिलकर आईसीसी पर दवाब बनाना चाहिए।

आईपीएल, आईसीएल, इंग्लिश काउंटी क्रिकेट और ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे पाकिस्तानी खिलाड़ियों को टीम से हटा दिया जाए ताकि पाकिस्तान सरकार पर कुछ दवाब बने और वहां के हालात पर काबू पाने के लिए कोई कदम उठाने को मजबूर हो। अमरीका से इस मामले में घटना की निंदा करने के अलावा कोई उम्मीद मुझे इसलिए नहीं है क्योंकि इससे अमरीका का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
पाकिस्तान क्रिकेट का भी विवादों से गहरा नाता रहा है, पिछले विश्व कप के दौरान तत्कालीन पाकिस्तानी कोच बॉब वूल्मर की मौत का मामला अभी तक नहीं सुलझ सका है। उस घटना से भी पाकिस्तान क्रिकेट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शर्मशार हुआ था। दरअसल अब वक्त आ गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा पाकिस्तान में चल रहे आंतकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कोई सार्थक कदम उठाए जाएं। हमले के बाद उसकी निंदा करने की औपचारिकता करने मात्र से ही काम नहीं चलेगा।

शायद फिर ही पाकिस्तान बाज़ आये !

लिट्टे ने किए कोलम्बो पर हवाई हमले, 2 मरे

तमिल विद्रोहियों ने श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पर हवाई हमले किए हैं. हमलों में दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 40 लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. श्रीलंकाई सेना का कहना है कि एलटीटीई के दो विमानों ने कोलंबो को निशाना बनाया और इन दोनों को मार गिराया गया.

सेना के मुताबिक विद्रोहियों के एक विमान को शहर में स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मार गिराया गया है.
इस विमान के पायलट का शव सेना ने बरामद कर लिया है. दूसरा विमान क्षतिग्रस्त होने के बाद राजस्व विभाग के परिसर से टकरा कर ध्वस्त हो गया.
कोलंबो में सेना के एंटी एयरक्राफ़्ट गनों से गोले दागे गए. भारतीय समयानुसार रात लगभग साढ़े नौ बजे अचानक एंटी एयरक्राफ़्ट गनों की आवाज़ों से कोलंबो गूँज उठा.(21-02-09)

ब्रह्मोस का परिक्षण टला

जैसलमेर जिले की पोखरण फायरिंग रेंज में जमीन से जमीन पर वार करने वाली अत्याधुनिक सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस में तकनीकी खामी की वजह से परीक्षण टाल दिया गया। वायुसेना सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस के परीक्षण की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं लेकिन प्रक्षेपास्त्र में तकनीकी खामी के कारण परीक्षण नहीं किया गया। परीक्षण की अगली तिथि बाद में तय की जाएगी। इधर, सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण होना तय ही नहीं था। जब ब्रह्मोस का परीक्षण होना तय नहीं था तो परीक्षण टालने का प्रश्न कहां आता है। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि सेनाध्यक्ष दीपक कपूर ब्रह्मोस के परीक्षण के कारण जोधपुर आए हैं।(21-02-09)

शादी की उम्र कम करने का मामला विचाराधीन


विधि और न्याय मंत्री हंसराज भारद्वाज ने कहा कि लड़कों और लड़कियों के विवाह की आयु घटाकर 18 साल करने का मामला समीक्षाधीन ने लोकसभा में रशीद मसूद के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि विधि आयोग ने सुझाव दिया है कि लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए विवाह योग्य आयु 18 वर्ष निर्धारित की जाए। अभी विवाह कि लिए लड़कियों की आयु 18 और लड़कों की 21 साल निर्धारित है। उन्होंने कहा कि आयोग ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 और अन्य सहबद्ध विधियों का संशोधन करने के प्रस्ताव पर अपनी 205वीं रिपोर्ट दी है जिसमें अन्य के साथ दोनों के विवाह की आयु 18 साल करने की बात कही गई है।(21-02-09)

दक्षेश में आतंकवाद होगा मुख्य मुद्दा

कोलंबो में प्रस्तावित दक्षेस मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत पाकिस्तान से सरहदपार आतंकवाद के खात्मे के लिए दक्षेस संधि के तहत ठोस और ईमानदारी से सहयोग की मांग करेगा।कोलंबो में 27 फरवरी को दक्षेस मंत्रिपरिषद की इस बैठक में विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी हिस्सा लेंगे। उम्मीद की जा रही है कि वह आतंकवाद संबंधी दक्षेस संधि के जल्द अनुमोदन की आवश्यकता पर जोर देंगे।भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, मालदीव, भूटान और मेजबान श्रीलंका के मंत्रियों की इस बैठक से पहले अधिकारियों और विदेश सचिव स्तर की वार्ता होगी।उम्मीद की जा रही है कि बैठक में आतंकवाद से निबटने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर एक कार्यबल के गठन पर चर्चा होगी।

तमिलनाडु में देखते ही गोली मारने के आदेश

तमिलनाडु में वकीलों के हिंसक प्रदर्शन के कारण प्रदेश सरकार ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले तथा जनता को परेशान करने वाले को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिला पुलिस अधीक्षकों को ऐसा करने की शक्ति प्रदान की गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि वाहनों को क्षतिग्रस्त करने और अन्य अवैध गतिविधियों में सम्मिलित रहने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।(21-02-09)

सभी सदस्य जीत कर आयें- सोमनाथ


सदन में हंगामा मचाने वाले सदस्यों के आचरण से व्यथित होकर बृहस्पतिवार को उन्हें चुनाव में हार जाने का श्राप देने वाले लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का हृदय शुक्रवार को पिघल गया तथा उन्होंने सदस्यों को चुनाव में विजयी होने की शुभकामना दी।श्री चटर्जी ने सदन की कार्यवाही के दौरान कहा कि बृहस्पतिवार परेशान होकर उन्होंने सदस्यो के बारे में कुछ टिप्पणियां की थी लेकिन उनकी हार्दिक इच्छा है कि सभी सदस्य जीतकर वापस आएं।जब कुछ सदस्यों ने श्री चटर्जी को भी ऐसी ही शुभकामना दी तो अध्यक्ष ने कहा कि वह तो चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन सदस्यों को चुनाव में विजयी होने की शुभकामना देते है।लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों के शोरगुल और हंगामे से क्षुब्ध होकर कल कुछ कटु टिप्पणियां की थीं। उन्होंने कहा था कि उनके आचरण को पूरा देश देख रहा है और इन सदस्यों को चुनाव में नहीं जीतना चाहिए। (20-02-09)

संरक्षणवाद से सावधान रहना होगा- ओबामा


अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान बराक ओबामा ने कनाडा में कहा कि उनका प्रशासन कारोबार, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दों से निपटने के लिए विभिन्न देशों के साथ मिलकर काम करेगा।बृहस्पतिवार को कनाडाई प्रधानमंत्री स्टीफेन हार्पर के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओबामा ने कनाडा समेत सारी दुनिया को आश्वासन दिया कि उनके 787 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज में उल्लिखित 'बाय अमेरिकन' प्रावधान का असर अन्य देशों के साथ उसके कारोबार पर नहीं पड़ेगा। ओबामा ने कहा, "मैं चाहता हूं कि कारोबार बढ़े ना कि सिकुड़े।" उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अपने सबसे बड़े कारोबारी साझेदार कनाडा को नुकसान नहीं पहुंचने देगा।ओबामा ने यह भी कहा, "अब समय आ गया है जब हमें संरक्षणवाद के किसी भी संकेत से बेहद सावधान रहना होगा।"(20-02-09)

घाटी में भूकंप के झटके

जम्मू कश्मीर में शुक्रवार की सुबह भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता ५.५ मापी गई। श्रीनगर और पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों समेत राज्य के कई हिस्सों में सुबह ९.१९ बजे भूकंप महसूस किया गया। फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। भूकंप का केंद्र भारत पाक सीमा क्षेत्र में था।(२०-०२-०९)

सीबीआई ने पूर्व मंत्री सुखराम को दोषी पाया


दिल्ली में केंद्रीय जाँच ब्यूरो की एक विशेष अदालत ने पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम को आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में दोषी पाया है.
इस मामले में सज़ा 24 फ़रवरी को सुनाई जानी है.
हिमाचल प्रदेश के प्रभावशाली नेताओं में गिने जाने वाले 82-वर्षीय सुखराम वर्ष 1991 से लेकर 1996 तक केंद्रीय संचार मंत्री रहे थे.
उनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार संबंधी कई आरोप लगे लेकिन हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में उन्हें संचार क्रांति के लिए जाना जाता है.
केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने वर्ष 1996 में हिमाचल प्रदेश में मंडी शहर और दिल्ली में उनके घरों पर छापे मारे थे.
सीबीआई ने तब उनकी संपत्ति का करोड़ों रुपए में आकलन कर, उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था.
वर्ष 1997 में भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून के तहत उनके ख़िलाफ़ अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी. (२०-०२-०९)

पाकिस्तान में बम ब्लास्ट, छः मरे

पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में स्थित डेरा इस्माइल ख़ान में शुक्रवार को हुए बम धमाके में कम से कम छह लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं।
पुलिस के अनुसार धमाका एक शिया व्यक्ति के जनाज़े को निशाना बनाकर किया गया। वहाँ पहले शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा होती रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक शहर में तनाव फैल गया है और कुछ जगह पर फ़ायरिंग भी हुई है। कई वाहनों को भी आग लगा दी गई है। पिछले डेढ़ साल में वहाँ आत्मघाती और अन्य हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं।

एफ़बीआई ने मुंबई हमले के सबूत सौंपे


मुंबई पुलिस की एक टीम ने वॉशिंगटन जाकर अमरीकी जाँच एजेंसी एफ़बीआई से मुंबई हमलों से जुड़े कई अहम सबूत हासिल किए हैं.
इसमें वो सबूत भी शामिल हैं जिनसे साबित होता हो कि मुंबई हमलों की योजना पाकिस्तान में बनाई गई और इसमें पाकिस्तान के ही लोग शामिल थे.
हालांकि अधिकारी इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं दे रहे हैं लेकिन माना जा रहा है कि एफ़बीआई ने वो सबूत भी मुंबई पुलिस को दिए हैं जो उसने पाकिस्तान जाकर एकत्रित किए हैं.
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष नवंबर में हुए मुंबई के चरमपंथी हमलों में अमरीकी नागरिकों के भी मारे जाने के बाद एफ़बीआई के अधिकारियों ने इन हमलों की ख़ुद भी जाँच की है.(2०-०२-०९)

आईपीएल में नही खेलेंगे पोंटिंग


ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा है कि वो अप्रैल से शुरु हो रहे आईपीएल के दूसरे सत्र में नहीं खेलेंगे और सारा ध्यान राष्ट्रीय टीम पर देंगे.
एक ऑस्ट्रेलियाई अख़बार के लिए लिखे अपने लेख में उन्होंने कहा है कि टी-ट्वेंटी मैचों में ज़्यादा शारीरिक थकावट होती है, इसलिए वो ये फ़ैसला कर रहे हैं. आईपीएल में पोंटिंग का करार कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ है.
पोंटिंग का कहना है, "बीच-बीच में मैं कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के अपने सदस्यों से बात करता रहा और अंत में यही फ़ैसला किया कि वर्ष 2009 में आईपीएल में नहीं खेलूंगा।"
पोटिंग अभी अपनी टीम के साथ दक्षिण अफ़्रीका के दौरे पर हैं. उन्होंने अपने लेख में इस वर्ष 'छुट्टी' देने के लिए नाइट राइडर्स का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा है कि वो दो हफ़्ते के लिए आईपीएल में खेल सकते थे लेकिन ये नाइट राइडर्स और ऑस्ट्रेलियाई टीम दोनों के साथ नाइंसाफी होती. ऑस्ट्रेलिया कप्तान का कहना है कि इन दो हफ़्तों का समय वो अपने परिवार के साथ बिताना पसंद करेंगे.(२०-०२-०९)

पानी की किल्लत

विदर्भ में अमरावती जिले का एक बाँध। यह बाँध पूरी तरह से सूख चुका है। इसे हजारों एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए बनाया गया था। इस वर्ष कम वर्षा की वजह से वहां के लोगों को भा भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। पीने का पानी भी प्रशाशन बमुश्किल उपलब्ध करवा पा रहा है। न जाने कितने ही लोगों की उम्मीद को सावन हर साल यूँ हो तोड़ देता है . उम्मीद जगाता है पर फ़िर खली ही छोड़ देता है

 
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(19.02.09)

गुजरात में हेपेटेटाइटिस से २४ मरे

गुजरात के मोदासा तालुक में बुधवार को हेपेटाइटिस से पांच और लोगों के मरने की खबर है। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इससे एक पखवाड़े से कम समय में भी मरने वालों की संख्या 24 हो गई है।साबरकंठा जिले के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी एचएस पटेल ने कहा, 'इस बीमारी के कारण पांच लोगों की मौत हो गई है जिससे हेपेटेटाइटिस के कारण मरने वालों की संख्या 24 हो गई है। बुधवार को जिन लोगों की मौत हुई उनमें तीन का सिविल अस्पताल अहमदाबाद में उपचार चल रहा था जबकि दो मोदासा के सार्वजनिक अस्पताल में थे।पटेल के अनुसार सात नए मामले सामने आए हैं जिससे कुल दर्ज रोगियों की संख्या 77 हो गई है। इनमें 24 की मौत हो चुकी है।(१९-०२-०९)