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थम गए नेता जी ब्लॉग

ड़े नेता जी ने बनाया बड़ा ब्लॉग , उस पर पैसा भी लगाया , ब्लॉग का विज्ञापन भी चलवाया पर अब वोह बंद हो गया है वो भी बेचारे परेशां हैं एक तो कोई पढता नही था और अगर कोई पढ़ भी लेता तो भी वोट नही देता , भाई ये भी कोई बात हुई , मुह उठाए गए ब्लॉग पढने , अरे भई कमेन्ट दो तो जरा हमें भई अच्छा लगे आप को ही
नेता जी ब्लॉग पर आपका स्वागत है


"मैं लिखूं पोस्ट तुम दो वोट .."
अरे हालत तो ये हैं के नेता जी , अरे नाम तो बोला है नही, अरे अपने अडवाणी जी के ब्लॉग पर आखिरी पोस्ट 1 मई को छपी थी और उस पर पहली टिप्पणी 11 मई को देखने को मिलीखैर ये तो अच्छा है के देश में दूसरे लोगों को भी सूचना प्रोद्योगिकी के बारे में जानते हैं नही तो ये भइया तो कुछ भी बोलकर वोट ले जाते



"देसी नेता ब्लॉग पर आयें ..."
बात सूचना प्रोद्योगिकी की है तो मध्यप्रदेश कैसे पीछे रह सकता है , तो बन गया ब्लॉग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लिखते हैं या लिखवाते हैं समझ नही आता पर इनको पढ़कर ये नही लगता के कोई मुख्यमंती लिख रहा है , मुझे तो इस बात प् भी संशय है की ये हैं भी या नही , पर जो भी कहो पाँव पाँव वाले भइया की चलती खूब है , गाँव गाँव में इनकी पहुँच तो है ही साथ ही पहली ही पोस्ट पर टिप्पणिओं का आंकडा 110 पा जाने से इनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है , और ये भी नही के कोई भी लिख गया , हिन्दी ब्लॉग्गिंग के जाने मने नाम उनके ब्लॉग पर टिप्पणी करते हुए पाए गए हैं, पर अब वे भी लिखने पर कम ही विश्वास करते हैं , ऐसे में मेरी तो उनको ये ही राय है की साहब ब्लोगिंग व्लोगिंग छोड़ कर ट्विट्टर पर चेह्चाहना शुरू कर दें कम लिखें और लोगों को अपनी गतिविधिओं के बारे में बताते रहेज्यादा टेंशन भी नही है , कुछ नही किया तो लिख दें , "आज कोई काम नही है, तालाब जायेंगे मिटटी खोदने "शायद कोई जाए



छुट भैया नेता ब्लॉग भी है
ऐसा नही है की ब्लॉग सिर्फ़ इनने ही बनाये हैं , ब्लॉग तो हमारे नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने भी बनाया है , उस ब्लॉग से सुंदर उस पर उनकी तस्वीर लग रही हैपर ये तो बस ये ही कहते हैं ,
की ये थी हमारी किस्मत के विसाले पाठक,
अगर और लिखते रहते तो भी ये ही हाल होता
इन के ब्लॉग पर जो आते भी थे वो भी BJP वाले , तो कब तक लिखते रहते , छोड़ दिया लिखना पढ़ना । 24 अप्रैल से शुरू किया और 2 मई तक अपनी पूरी उर्जा से लिखा बस फ़िर छोड़ दियाऔर क्या है अब तो MP हैं !




" फ़िल्मी नेता ब्लॉग..."
अभी तक तो हम ऐसे नेताओं की बात कर रहे थे जो राजनीति करते हैं ,पर एक ऐसे नेता जी हैं जो राजनीति बना रहे हैं , बात बस इतनी सी है की वो जीत नही पाए , आदमी अच्छे हैं पर पता नही क्यों राम विलास पासवान से जा मिले , वो कहते हैं विनाश काले विपरीत बुद्धे देखने सुनने मैं साधारण आदमी लगते हैं , काम बहुत बड़े बड़े किए हैं पर अपनी एक फ़िल्म में लालू यादव के साले साधू यादव का नाम इस्तेमाल करके बुरा किया , उस ने भी ठान लिया के जितने नही दूंगावो ख़ुद हार गया पर प्रकाश झा को भी जितने नही दिया ,
इनका ब्लॉग भी बडिया है , हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में ही आलेख मिलते हैं , लगता है के इनका ब्लॉग तो चलेगा , ये लिखते बडिया हैं , नतीजों के बाद भी इन्होने लिखा है "मैं पराजित पर हारा नही हूँ " पर लोग यहाँ भी नही आते

और भी जाने कितने नेता ब्लागर आए कितने गए पर लगातार पाठक नही साध पाए , आप ही बताएं ऐसा क्यों





"ये हैं इंटरनेशनल नेता.... "

एक बात और ट्विटर पर एक संसद महोदय इन दिनों जामे हुए हैं सही मायने में हाई-टेक तो ये ही लगते हैं , शशि थरूर लगातार अपने बारे में लिखते रहते हैं , दिन भर , और हाँ इनकी एक वेबसाइट भी है जहाँ से ये लोगों ये जुड़ते हैंये वेबसाइट भी चुनावी है

उम्मीद है की ये ब्लॉग मरेंगे नही और हमें कभी कभी दोबारा इन्हे पढ़ने को मिलेगा





चाँदी के वरक में लपटा भारत

लवाइयों ने हमें एकाधिक स्वादों से तो परिचित कराया है, वे मिठाई बनने के बाद उसे सुंदर बनने के लिए उसपर चांदी का एक वरक चढा देते हैं और ये ही वरक मिठाई को कृत्रिम रूप से ताज़ा दिखाने में भी इस्तेमालहोता है . बहुत दीनो बाद कल डाक घर जाने का मौका मिला, डाक घर अब नया हो चुका है, नई कुर्सियाँ , दीवारों पर नया पैंट और बाबुओं के काउंटर का रंग भी बदल गया है . कुर्सियाँ चाँदी के रंग मैं हैं और काउंटरों का रंगलाल है . दरअसल सिर्फ़ इतना ही बदला है , कार्य करने की गति और तरीके में कोई ख़ासा फ़र्क नहीआया है । खैरमैं ये कहना चाहता हूँ की आज हमारा भारत जितना विकसित है उससे ज़्यादा उसपर चाँदी की वरक चड़ा कर दिखाजा रहा है . पुरानी इमारतों में उपर से सनबोर्ड लगाकर नया रूप तो दे दिया जाता है पर असल में बदलता कुछ नहीहै .हमारी सरकार ही नही हम खुद ही अपने आप को इस धोके से बाहर नही निकालने चाहते . हम भारतीयों कोचमक ने हमेशा से अपनी और आकर्षित किया है , हम आज भी हर चमकती हुई चीज़ को सोना मानने से नहीचूकते ।
चु नाव हमे बदलाव का सबसे बड़ा रास्ता नज़र आते हैं जिसे लोकतंत्र का उत्सव भी कहा जाता था . पर हमबदलना क्या चाहते हैं सरकार,क्या करेगी नई सरकार भी आ कर , लोग तो घुमा फिरा कर वो ही हैं ना . मुझे सागर निज़ामी की एक नज़्म के मध्यम से अपनी बात आगे बढ़ना अच्छा लगेगा . धन्यवाद


उठो और उठ के निज़ामे जहाँ बदल डालो ,
ये आसमान ये ज़मीन ये मकां बदल डालो ।
ये बिजलियाँ हैं पुरानी ये बिजलियाँ फूंको ,
ये आशियाँ है कदिम आशियाँ बदल डालो ।
गुलों के रंग मैं आग पंखुड़ी में शराब ,
कुछ इस तरह रविशे गुलसिताँ बदल डालो ।
मिज़ाज़--काफिला बदला तो क्या कमाल किया ,
मिज़ाज़--रहबारे कारवाँ बदल डालो ।
'हयात' कोई कहानी नही हक़ीकत है,
इस एक लफ्ज़ से कुल दास्ताँ बदल डालो ।

बिना स्पेस दिए रोमन टेक्स्ट हिन्दी मैं बदलें

एक कमेन्ट के माध्यम से दिनेशराय जी ने ये जानने में उत्सुकता ज़ाहिर की थी के यदि सामग्री रोमन में लिखीहो तो उसे यूनिकोड में कनवर्ट करने के लिए बिना बार बार स्पेस दिए कोई तरीका है , मुझे एक तरीका मिल गयाहै , सब से साझा कर रहा हूँ , कभी भी ज़रूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते है
<span title=

विधी - अपनी पहले से ही टाइप किया हुई सामग्री को अपने ब्लोगर के पोस्ट एडिटर बॉक्स में पेस्ट करें जोकुछ ऐसी दिखेगी
vidhi - apni pehle se hi tipe ki hui samagri ko apne post editor box main paste karein jo kuch aisi dikhegi
इसके बाद उस पूरे टाइप किए हुए मैटर को सेलेक्ट कर लें और Ctrl+G दबाएँ , आपका टेक्स्ट तुंरत परिवर्तित होजाएगा और नया हिन्दी मैं लिखा हुआ मैटर जाएगा ,
है ना आसान.. बार बार स्पेस दबाना और कुछ ...
प्रयोग कर के बताएं कैसा रहा


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ब्लोगिंग शब्दावली

इस पोस्ट के माध्यम से हमारा प्रयास ब्लॉग और ब्लागिंग से जुडी कुछ शब्दावली हिंदी में समझने का है. दरअसल मेरा मानना है की जब व्यक्ति को उसके कार्य का अर्थ पता होता है तो उस कार्य को करने में उसकी उर्जा बढ़ जाती है ,
निचे लिखे सभी शब्द आम ब्लोगिंग सन्दर्भों में प्रयोग किये जाते हैं , आपको कोई नए शब्द सूझें या कोई सुधर हो तो ज़रूर बताएं , इस पोस्ट के सन्दर्भ में शब्दकोष का प्रयोग सही नहीं लगता पर इस पोस्ट के माध्यम से एक ऐसा हिंदी शब्दकोष बनाने की भूमिका रखना चाहता हूँ .

ब्लोगिंग / चिट्ठाकारिता

* वेबलॉग -एक ऑनलाइन डायरी जिसमे किसी विषय पर या कई विषयों पर लेख लगातार प्रकाशित होते रहते हैं ।
* ब्लॉग - वेबलॉग का लघु( छोटा ) रूप
* ब्लोगिंग - ब्लॉग पर सामग्री प्रकाशित करने का कार्य
* ब्लोगर - वो व्यक्ति जो ब्लोगिंग करता है
* ब्लोगोस्फेयर - अन्तर जाल पर ब्लॉग समाज

ब्लोगिंग के रूप

* फोटो ब्लोगिंग - ऐसा ब्लॉग जो मुख्यतः फोटो प्रकाशित करता है ,ये फोटो ब्लोगेर्स और चित्रों पर ध्यान देता है- इसे चलने वाले अक्सर फोटो ब्लोगर कहलाते हैं ।
* पॉडकास्टिंग -एक ऐसा तरीका जिससे हम अपनी दृश्य और श्रव्य कृतियाँ प्रस्तुत करते हैं और दर्शक या श्रोता उसे ऑनलाइन स्ट्रीम या अपने कम्प्यूटर पर डाउनलोड कर देख सकता है । पोडकास्ट करने वाले अक्सर पॉडकास्टर कहलाते हैं
* ऑटोकास्टिंग - ये पोड कास्टिंग का एक स्वचालित रूप है ।
* ब्लॉगकास्टिंग - जब ब्लॉग और पोडकास्ट एक ही ब्लॉग पर होते हैं तो उसे ब्लॉग कास्टिंग कहते हैं
* व्लोगिंग - इसे विडियो ब्लोगिंग भी कहते हैं , विडियो इसकी एक मात्र सामग्री होती है । इसे व्लोग भी कहा जाता है
* ऑडियो ब्लोगिंग - इसमे mp3 और अन्य म्यूजिक सामग्री शब्दों की जगह उपयोग में लायी जाती है, इसे ऑडियो ब्लॉग , MP3 ब्लॉग भी कहते हैं
* मोब्लोगिंग - इन्हे मो-ब्लॉग भी कहते हैं इन ब्लोग्स पर कंटेंट अक्सर मोबाइल से पोस्ट किया जाता है ।

bitter-sweet-blog-lg podcasting
And

ब्लॉग के घटक सुर उनके कार्य

* इंडेक्स पेज - ब्लॉग का मुख्य प्रष्ट
* हेडर - ब्लॉग का सबसे उपरी हिस्सा , जिसपर आमतौर पर ब्लॉग का नाम , ब्यौरा और कोई चित्र होता है
* फूटर - ब्लॉग का सबसे निचला हिस्सा जिसको आमतौर पर नैविगेशन और कॉपीराइट निर्देशों को दिखने के लिए किया जाता है
* साइडबार - ब्लॉग पर मुख्या परमा लिंक आलावा एक या उससे अधिक कालम,जिसमे ब्लॉग फीड और विज्ञापन आदि लगाये जाते हैं
* लेबल/चिप्पियाँ - किसी एक विषय से जुड़े हुए लेखों का संग्रह
* पोस्ट , एंट्री,लेख - लेख ,जिससे ब्लॉग बनता है
* कमेंट्स टिप्पणियां - पाठकों के उस लेख या पोस्ट के बारे में विचार
* Captcha - “Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart” के लिए छोटा शब्द, ऐसा चित्र जो शब्दों के रूप में परिभाषित होता है ,और मानव और मचिनों को पहचानने में मदद करता है , ये स्पैम रोकने में काम आता है।
* पिंग - "Packet Internet Grouper" . ये अन्य ब्लॉग ढूँढने वाले तंत्रों को सूचित करता है, जब भी कोई नेइ सामग्री , टिप्पणियों या हवालों में परिवर्तन होता है ।
* ट्रैक बेक (हवाले ) - एक ऐसा तंत्र जिससे ये संदेश जाता है की आपका ये लेख इस चिट्ठे पर प्रकाशित है और लिंक उस चिट्ठे पर उपलब्ध है ।
* पिंग बेक - ट्रैक बेक देखें ।
* परमा लिंक - किसे लेख की लिंक ।
* टेग्स - एक जैसी पोस्ट को जोड़ने वाले शब्द,जो वर्गीकरण भी करते हैं ।
* टैग क्लाउड - चिप्पियों/ लेबल/या खोजशब्दों का समूह प्रदर्शन ।
* ब्लोगरोल - आपके पसंदीदा चिट्ठों की सूची , sidebar में ।
* साईडब्लॉग - एक छोटा ब्लॉग जो आपके सिदेबर में हो ,वहीं उसमें नए कंटेंट आयें ।
* टेम्पलेट - ब्लॉग के प्रदर्शन का तरीका ।
* ब्लॉग थिस - इस सुविधा से आप जिस ब्लॉग-पोस्ट को पड़ रहे हैं उसे ब्लॉग कर सकते हैं ।
* प्लगइन्स - ऐसी फाइल या फीचर जिसे अपने ब्लॉग पर लगा कर उपयोगिता या नई सुविधाएं जोड़ सकते हैं ।
* देशबोर्ड - जब आप अपने ब्लोगिंग पेज पर साइनइन करते हैं ,तो वोह पहला पेज जिसपर सभी टूल और विकल्प होते हैं ।
* Archives/अभिलेखागार - पुरानी पोस्ट की एक सूचि ,ये माह वार,दिन वार , या सालन कैसा भी हो सकता है ।
* Expandable post summaries /विस्तार योग्य पोस्ट सारांश - का प्रमुख भाग प्रथम पेज पर दिखाना ,शेष का लिंक देना ,जिस पर क्लिक कर पाठक पूरी पोस्ट देख सकता है ।
* FTP - file transfer protocol के लिए शार्टकट ।

वेब फीड्स

* वेब फीड - ऑनलाइन मिलने वाली एक ऐसी सदस्यता जिससे पाठक नया अद्यतन होने वाली सामग्री तुंरत प् सकता है ।
* RSS - अंतर्जाल समूहन के लिए उपयोग होने वाला एक वेब फीड फॉर्मेट । Really Simple Syndication (RSS 2.0) के लिए लघु रूप ( short form) Rich Site Summary (RSS 0.91, RSS 1.0) , RDF Site Summary (RSS 0.9 and 1.0). Wordpress generates RSS 2.0
* XML - eXtensible Markup Language के लिए लघु रूप . ब्लॉग सिंडिकेशन के लिए एक आम रूप से उपयोग होने वाली फीड ।
* RDF - Resource Description Framework के लिए लघु रूप . web content syndication का एक रूप ।
* Atom - एक और ब्लॉग फीड का रूप . Blogger आम तौर पर इसी में होती हैं ।
* OPML - Outline Processor Markup Language के लिए लघु रूप . ये एक XML फॉर्मेट फाइल है जो कई वेबसाइट सदस्यता और aggregator के बीच सद्स्य्स्ता आयत निर्यात का काम करता है ।
* Photofeed- एक ऐसी फीड जिसमे फोटो लगी हो ।

ब्लोगिंग सॉफ्टवेर / सेवा प्रदाता

* Blogger - गूगल द्वारा एक मुफ्त ब्लॉगिंग प्लेटफार्म.
* Blogspot -name.blogspot.com में मुफ्त ब्लॉगर होस्टिंग ब्लॉग
* LiveJournal - SixApart द्वारा एक मुफ्त ब्लॉगिंग प्लेटफार्म.
* Movable Type - SixApart की सशुल्क ब्लोगिंग सेवा
* Typepad - SixApart की सशुल्क ब्लोगिंग सेवा
* Wordpress.org- निशुल्क . ब्लोगिंग सेवा
* Wordpress.com - निशुल्क वर्डप्रेस ब्लॉग
* Radio Userland - एक और ब्लॉग पब्लिशिंग सॉफ्टवेर
* Windows live Writer - माइक्रोसॉफ्ट का ब्लॉग लेखन सॉफ्टवेर

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ब्लोग्स के प्रकार

* ग्रुप ब्लॉग - ऐसा ब्लॉग जिसमे एक से ज्यादा ब्लोगेर योगदान देते हों ।
* इवेंट ब्लॉग - किसी एक घटना या वृत्तान्त पर केंद्रित ब्लॉग।
* Celeblog - सलेब्रिटिस पर फोकस ब्लॉग ।
* सलेब्रिब्लोग Celebriblog - सेलेब्रिटी द्वारा संचालित ब्लॉग ।
* Indi Blog - भारतीय भाषा या भारत में लिखा गया ब्लॉग ।
* Plog - निजी ब्लॉग ।
* Movlogs - मोबाइल विडियो ब्लॉग ।
* Splog- स्पैम ब्लॉग ।
* Tech blog - तकनीकी विषय पर केंद्रित ब्लॉग ।
* Anonoblog - एक गुमनाम ब्लॉगर द्वारा ।
* Linguablog - भाषाविज्ञान, अनुवाद आदि के बारे में ब्लॉग ।
* Metablog - ब्लोगिंग के बारे में ब्लॉग ।
* Milblog - मिलिट्री ब्लॉग ।
* Blawg - वकील द्वारा संचालित ब्लॉग / कानूनी सामान से संबंधित ब्लॉग ।
* Edu-blog - सिक्षा सम्बन्धी ब्लॉग ।

* Progblog - एक प्रगतिशील ब्लॉग ।
* Shocklog - चौकाने वाली सामग्री पोस्ट कर चर्चा भड़काने वाला ब्लॉग ।
* Klog - ज्ञान वर्धन से सम्बंधित ब्लॉग ।
* Blogsite - एक ऐसी साईट जो कई ब्लोगों की सामग्री जोड़ती है ।
* Dark Blog- ऐसा ब्लॉग जो आम लोगों के लिए बंद है ।
* Photocast- फोटो ब्लॉग जो नई फोटोस के अपलोड होने पर स्वतः अद्यतन हो जाए ।

ब्लोगेर्स की आदतें

* Metablogging - ब्लोगिंग के बारे में लेख लिखना ।
* Blogstipation - लगातार ब्लॉग लिखने में असमर्थ , क्या लिखें समझ नही आता ?
* Blogathy - में आज पोस्ट नही करूँगा , मुझे इससे फरक नही पड़ता !
* Blogopotamus - बहुत लम्बी ब्लॉग पोस्ट ।
* Blogorrhea - लेख का असामान्य रूप से अधिक हो जाना ।
* Bleg - सहायता पाने के लिए ब्लोगिंग करना ।
* Hitnosis - अपने ब्लॉग को बार बार रिफ्रेश करना,ये देखने के लिए के हिट्स कितने बड़े या कॉमेंट्स कितने बड़े । !!
* GAD - Google Adsense Disorder. बार बार अपने एडसेंस अकाउंट को चेक करना की कितना पैसा बड़ा ।
* Blego - Blog+Ego. ब्लॉग की कीमत जानना , अलग अलग वेबसाइट पर जाकर , अपने ब्लॉग पर दिखाना ।
* Blog hopping - एक ब्लॉग से दूसरे ब्लॉग पर जाना ।
* Blogroach - ऐसे टिप्पणीकार जो पोस्ट की गई सामग्री से बुरी तरह से असहमत हैं ।
* Blogoholic - ब्लोगिंग का नशा होना ।
* Blogorific = ऐसी सामग्री जिसे ब्लागर कमल की बताएं ।
* Blogsit - ऐसा ब्लॉग चलाना जिसका प्राथमिक ब्लोगर छुट्टी पर हो या ब्लोगिंग न कर रहा हो ।
* Blogvertising - ब्लॉग पर विज्ञापन करना ।
* Blurker - ऐसा पाठक जो सिर्फ़ लेख पढता है , कमेन्ट नही करता।
* Blogathon - ब्लॉग को हर आधे घंटे में अद्यतन करना ।
* Blogiversary - ब्लॉग का जन्मदिन ।
* Blog Carnival - किसी विशेष विषय के लेखों की लिंक देना ।
* Multiblog - कई ब्लोग्स चलाना ।
* Blog Tipping - नए ब्लोग्स को या अन्य ब्लोग्स को बधाई देना ।
* Blogger bash - ब्लोगर्स की पार्टी ।
* Commenter - जो टिपण्णी करे ।
* Reciprocal Links - तुम मुझे लिंक करो,में तुम्हे लिंक करूँगा, और हम दोनों की रंकिंग बढ़ने लगेगी
* Linkbaiting - अच्छा कंटेंट लिखना ,इस आशय से की कई ब्लोग्स या साईट से मुझे लिंक करेंगे ।
* Blogstorm - किसी विवाद के कारण अधिक ब्लॉग गतिविधि इसे blog swarm. भी कहते हैं ।
* Blogsnob - गैर मित्रों को टिपण्णी पर प्रतिक्रिया न करना ।
* Doppelblogger - .किसी अन्य ब्लॉग से सामग्री चोरी कर प्रकाशित करना , ब्लॉग चोर ।
* Blogophobia - ब्लॉग एयर ब्लोगिंग का डर ।
* Bloggerel - एक ही राय ब्लॉग पर दोबारा प्रकाशित करना ।

ब्लोगर्स के प्रकार

* Problogger - पेशेवर ब्लोगर
* Blognoscenti - विशिष्ठ ज्ञानी ब्लोगर
* Blogebrity - एक प्रसिद्ध ब्लोगर
* Blogerati - ब्लॉग जगत के बुद्धिजीवी
* Commentariat - टिप्पणियों छोड़ने वालों का समुदाय.
* Dooced - ब्लॉग प्रविष्टियों की वजह से एक नौकरी खोना ।
* Blogther - एक साथी ब्लॉगर ।
* A-List- ब्लॉग जगत के शीर्ष ब्लोगर ।
* Blogstar- एक लोकप्रिय ब्लॉग चलाने वाला ब्लागर ।

अन्य ब्लोगिंग शब्द

* Bloggies- सालाना ब्लोगिंग अवार्ड ।
* MSM - Mainstream Media,मुख्यधारा का मीडिया ।
* BSM - Blogstream media. सबसे ज्यादा पाठकों वाले ब्लॉग से ।
* Blog Day - 31 August. ३१ अगस्त
* Blaudience - आपके ब्लॉग पाठक ।
* Blargon - Blogssary भी कहा जाता है . ये जो आप पढ़ रहे हैं ।
* Blogiverse - ब्लॉग जगत , चिटठा जगत ।
* XFN - XHTML के लिए लघु रूप , मित्रों का समूह, हाइपरलिंक के मध्यम से बताया जा सकता है ।
* Blogonomics - blogging conference on a Blog Cruise in 2006.
* EFF - Electronic Frontier Foundation के लिए लघु रूप . ब्लोगर्स के अधिकारों के लिए एक गैर मभ्कारी संस्था ।
* Blog of Note - a सिफारिशी ब्लॉग . ब्लोगेर द्वारा घोषित ।
* Navbar - एक नैविगेशन बार , आम तौर पर ब्लोगेर ब्लोग्स के ऊपर देखा जाता है ।
* Blook - ब्लॉग से बनाये गए एक पुस्तक ।
* Hat Tip- जहाँ से सामग्री ली है उसे श्रेय देना ।
* Spomments-स्पैम टिप्पणियाँ ।
* Blammer- ब्लॉग स्पमेर ।
* Blogiday- ब्लॉग से थक कर छुट्टी लेना ।

ब्लोगिंग उपकरण और सेवाएं

* Bloglines, Rojo, Newsgator, Kinja, ब्लागवाणी ,चिट्ठाजगत , हिन्दिब्लोग्स.कॉम , टेक्नोराटी , ये सभी ब्लॉग अग्रीगेटर हैं , ये सदस्य ब्लोग्स से पिंग के मध्यम से फीड इकट्ठी करता है और दिखता है, साथ ही जिन लोगों ने किसी विशेष ब्लॉग की सदस्यता ली है उन तक नया माल भी पहुंचाते हैं ।
* Pageflakes, Newsvine - एक ही पेज पर कई वेबसाइट्स को पिंग करने का माध्यम ।
* Odeo, Podnova - ये पोड फेचर कहलाते हैं,जो नया पॉडकास्ट कंटेंट आते ही खींचते हैं , और दिखता है ।
* Feedburner - ये गूगल की एक फीड मैनेजमेंट प्रणाली ।
* Pingomatic, Pingoat - एक ही पेज पर कई वेबसाइट्स को पिंग करने का माध्यम ।
* Feedblitz, Zokooda - ये एक फीड मैनेजमेंट प्रणाली , पाठकों तक ईमेल भी पहुंचती है ।
* Technorati - एक सर्च इंजन जो ब्लॉग जगत में की हो रहा है , बताता रहता है ।
* Adsense, Adbrite, CJ, Chitka, Blogads - ऐसे साइट्स या बोलग जो अलग अलग कार्यक्रमों के माध्यम से पैसा कमाने का मौका देते हैं ।
* Sphere, Icerocket - ब्लॉग सर्च इंजन ।
* Live Bookmarks - फायर फॉक्स की सुविधा , जो नई सामग्री आने पर अपने आप ही अपडेट हो जाती है ।
* Creative Commons - "कुछ अधिकार रक्षित" के दृष्टिकोण से ,ब्लॉग लेखकों को अपनी सामग्री की सुरक्षा और स्वतंत्रता प्रदान करने का अधिकार ।
* CoComment - विभिन्न ब्लोग्स पर की गई टिपण्णी को इकठ्ठा करने और उनकी प्रतिक्रिया जानने का माध्यम ।
* WBloggar, Ecto, Qumanna - desktop blog publishing tools
* Mint, Mybloglog, Measuremap, Analytics ,statcounter,histats - ट्राफिक पता लगाने के उपकरण ।
* Haloscan- निशुल्क trackback सेवा ।
* YouTube, Rapidshare- ब्लॉग पर विडियो लगायें ।
* Flickr, Imageshack, photobucket - तस्वीरें साझा करने के लिए सेवा , अपने ब्लॉग की तसवीरें इन पर होस्ट कर सकते हैं ।
* Del.icio.us, furl, spurl - सोशल बुकमार्क साझा करने के लिए ।
* Bloggoggle - पेशेवर ब्लॉगिंग की निर्देशिका ।
* BlogHer - महिलाओं का सबसे बड़ा ब्लॉग ।

कुछ और शब्द-छूट न जायें

* Digged - digg.com से ट्राफिक अपने ब्लॉग पर ला सकते हैं,लिंक पोस्ट करके
* Slashdotted - slashdot.org से ट्राफिक अपने ब्लॉग पर ला सकते हैं,लिंक पोस्ट करके ।
* Instalanche - instapundit.com से ट्राफिक अपने ब्लॉग पर ला सकते हैं ,लिंक पोस्ट करके ।
* Farked - fark.com से ट्राफिक अपने ब्लॉग पर ला सकते हैं ,लिंक पोस्ट करके
* Boing Boinged - boingboing.net link posted on ,लिंक पोस्ट करके

अन्तिम विविध ब्लोगिंग शब्द

* Ajax - Asynchronous JavaScript and XML के लिए लघु रूप , ब्लॉग पर अतिरिक्त functanality के लिए ।
* Greasemonkey - a firefox web browser extension जो किसी भी वेबसाइट की फुन्क्ट्नालिटी में परिवर्तन कर सकता है ।
* SEO - search engine optimization. सर्च रंकिंग बढाने के लिए ।
* Page Rank - गूगल पेज की महत्ता के हिसाब से पेज रेंक निर्धारित करता है ।
इस पोस्ट में ब्लोगिंग से जुड़े कई शब्द हिन्दी में समझाने की कोशिश की गई है फ़िर भी कुछ छूट सकता है , इस पोस्ट में हिन्दी भाषा में त्रुटियां ज़रूर हैं, कुछ नए शब्द मिलें तो बताएं , हमें उन्हें शामिल करने और बदलने मैं खुशी होगी ।

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दोस्त का आभार आपके द्वार

शादी पारंपरिक भारतीय समाज का आनंदमयी उत्सव माना जा सकता है। जिसमे लोकगीत, बधाईयां और गारियों ले लेकर फिल्मी गीतों का समागम रहता है। इस पोस्ट को लिखते हुए अत्यंत हर्ष महसूस हो रहा है कि मैं करोड़ों लोगों के विचारों को आकार दे पा रहा हूं। अभी पिछले दिनो हमारे मित्र की शादी हुई हमारे गांव में, जाने का अवसर तो प्राप्त नहीं हो पाया, लेकिन अग्रिम बधाई जरूर दे दी थी। शादी के दो दिन बाद उस मित्र का फोन आया, जिस पर उसने शादी और उससे प्राप्त अनुभवों का विस्तृत ब्यौरा दिया।.....इसी बीच अचानक खामोष हो बड़ी भावुकता से सवाल पूछा कि यार एक बात बताओ ‘ये देश है वीर जवानों का‘ और ‘बहारों फूल बरसाओ, मेरा महबूब आया है‘ गीत किसने लिखा है? मैने कहा पता करके बता दूंगा लेकिन ये अचानक गीतकार की याद कैसे आ गई। उसने कहा यार मै दोनों को बड़े दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि जब मेरी बारात जा रही थी और मै दूल्हा बना घोड़े पर बैठा था उस वक्त बारात में शामिल लोग नाच रहे थे, पर मुझे मजा नहीं आ रहा था। तभी बैण्ड वाले ने ‘ये देश है वीर जवानों का‘ बजाया और मन प्रफुल्लित हो गया। पहली बार लगा कि अपनी बारात जा रही है और अपन घोड़े पर बैठ कर स्वयम्वर के लिए जा रहे अकेले राजकुमार हैं।
जब हम उस धर्मशाला के द्वार पर पहुंचे जहां से हमारी शादी हो रही थी, गाना शुरू हुआ कि ‘बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है‘ उसे सुनते ही पता नहीं क्यों आंखे नम हो गई और लगा कि पहली बार पूरी शादी में अपन को किसी ने सीरियसली लिया है। धर्मशाला की छत पर खड़ी कुछ युवतियां हम पर फूल भी बरसाने लगी सचमुच हम स्वयंबर के अकेले राजकुमार थे।
तभी से मेरे मन में ख्याल आया था कि इन गीतों के गीतकारों के प्रति किसी तरह आभार प्रकट करूंगा। मैंने अपने मित्र की बात को समझते हुए यह पोस्ट लिखी क्योंकि सच में करोड़ों लोगों की षादियों में बिना रायल्टी के बजे इन गीतों ने उत्सव के पलों को यादगार जरूर बनाया है। लगभग तीन पीढ़ी की उम्र हो चुकी इन गीतों में आज भी वही मजा है। भाषाई बाधाओं को तोड़ते हुए ये गीत संपूर्ण भारत के हिस्सों में शादी के मौके पर साथी रहे हैं और हम सब की और से इन गीतों के गीतकार को बहुत-बहुत आभार।
सुनी और आनंद लीजिये

हिन्दी में लिखने के ऑफ़ लाइन टूल

हिन्दी में लिखने वालों की एक बड़ी दिक्कत रही है हिन्दी में आफलाइन लिखने की , हर बार ब्लॉग पोस्ट करने के लिए इन्टरनेट से जुड़ना ज़रूरी हो जाता है , असीमित ब्रॉडबैंड कनेक्शन वालों के लिए तो ठीक है पर जो लोग असीमित इन्टरनेट का प्रयोग नही कर रहे हैं उनके लिए कुछ समस्या तो है ही। इसके आलावा समय-समय पर ब्लागर का गूगल की लिपि परिवर्तक-सेवा से संपर्क टूट जाना लय के बने रहने अड़चन पैदा करता है ।

इस समस्या का समाधान इन्टरनेट पर पहले से ही मौजूद है ऑफ़लाइन फॉण्ट कन्वर्जन टूल इस टूल की मदद से आप अपने कम्प्यूटर पर अपने फाँट में लिख कर और उसे यूनिकोड में बदल कर ब्लागर या अन्य साईट पर उपयोग कर सकते हैं ।

मेरी जानकारी के अनुसार इनमे से कुछ अनुनाद सिंह जी और कुछ नारायण प्रसाद जी ने बनाये और आम जन के उपयोग के लिए दिए हैं। अनुनाद सिंह जी हमारे नजदीक इंदौर से हैं , नारायण प्रसादजी ने बीटेक ऑनर्स किया है। इसके साथ ही जर्मन और रशियन भाषा में डिप्लोमा प्राप्त किया है। वे 10 भाषाओं का ज्ञान रखते हैं और संस्कृत और हिन्दी के व्याकरण को लेकर विगत कई वर्षों से शोध कार्य कर रहे हैं । हम उनका धन्यवाद करते हैं जो उन्होंने ये फाइल्स उपलब्ध करा कर कई लोगों की मुश्किल हल की है ।

ये सभी फाइल्स जावा स्क्रिप्ट में हैं और इनके काम करने के लिए आपके कम्प्यूटर में जावा स्क्रिप्ट चलने की क्षमता होनी चाहिए ।
इन्हे डाउनलोड करने के लिए आप निचे दी हुई लिंक्स पर right click कर save link as पर क्लिक कर डेस्कटॉप पर क्लिक कर सेव कर सकते हैं
  1. कृतिदेव से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  2. आगरा फॉण्ट से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  3. गाँधी फॉण्ट से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  4. युवराज फॉण्ट से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  5. चाणक्य से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
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चुनाव तक हमऊ दलित बना दई

पिछले कई दिनों से कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी अपने दलित प्रेम को लेकर चर्चा में रहे हैं, उनके इस अंदाज़ से हर कोई प्रभावित हो रहा है। वे दलितों के घर जाकर खाना खाते हैं और बाकायदा रात भी गुजारते हैं। उनके साथ पिछले दिनों भारत आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड मिलिबंद भी एक दलित के घर यात्रा पर गाँव पहुंचे और वहां खाना खाया। दलित के घर का खाना विशुद्ध उसी परिवेश का था या नहीं अभी इस तथ्य का खुलासा नही हुआ है। बहरहाल हमारे मध्य प्रदेश में भी उन्ही के साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया 'महाराज' भी पिछले दिनों गुना के एक गाँव में दलित के यहाँ पहुँच गए, फिर क्या था अपने महाराज को देख प्रजा हर्षित हुई, मन प्रफुल्लित हुआ। सिंधिया ने उनके घर भोजन ग्रहण किया। अब इस घटना के बाद हमारे गाँव के किसान राम जीवन जो हालत से दलित है और जाती से सवर्ण। कहने लगा कि कोई सरकारी योजना नही है जो हमें चुनाव तक दलित बना सके। कम से कम गाँधी और सिंधिया नही तो हमारे विधायक भइया जी या सरपंच साहब हमारे घर पधार जायें और थोडी मदद कर दें, तवे पर रोटी डालने में। क्योंकि हमारे पास तो अपने दो बच्चों को भर पेट देने के लिए भोजन ही नही है हम दूसरो को क्या खिलाएंगे इसलिए हम कह रहे हैं चुनाव तक हम भी दलित हैं, हमारी भी मदद करो।

राजस्थान में तमाशे के ज़रिए होली (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग ७)



सचमुच कितना अच्छा होता जो हर किसी के जीवन मैं रंग ही रंग होते,सब को सुख और शान्ति हासिल होती ,आज रंग तो सिर्फ़ ड्राइंग रूम की सीनरी तक ही सीमित होकर रह गए हैं,आप समझ सकते हैं कि ड्राइंग रूम किनके घरों में होते हैं ,खैर जिनके सरों पे छत नहीं उन्हें भी रंगों भी रंगों कि समझ है तो फिर ये खाइयाँ क्यों हैं । इश्वर हम सब को ऐसे रंग में रंग दे कि सारा जहाँ एक रंग में दीखे
आज हम इस श्रंखला के सातवें रंग कि बात करेंगे ,जयपुर कि तमाशा होली का रंग । तो लीजिये आनंद गुलाबी नगरी जयपुर कि होली का .

<span title=राजस्थान में तमाशा">
तमाशे के ज़रिए होली
जयपुर में होली के अवसर पर पारंपरिक तमाशा अब भी होता है लेकिन ढाई सौ साल पुरानी इस विधा को देखने के लिए अब उतने दर्शक नहीं आते जितने पहले आते थे.

पर कलाकारों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है.

तमाशे में किसी नुक्कड़ नाटक की शैली में मंच सज्जा के साथ कलाकार आते हैं और अपने पारंपरिक हुनर का प्रदर्शन करते हैं.

तमाशा की विषय वस्तु पौराणिक कहानियों और चरित्रों के इर्दगिर्द तो घूमती ही है लेकिन इन चरित्रों के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था पर भी चुटकी ली जाती है.

कभी राजा-महाराजा और सेठ साहूकार ख़ुद इस तमाशे को देखने आया करते थे.

लेकिन अब राजनीति में रमे देश के नीति निर्माताओं को समय नहीं है ऐसे आयोजनों को देखने का.

तमाशा शैली के वयोवृद्ध कलाकार गोपी जी मल तो इस बात से ही ख़ुश हैं कि उनकी यह विरासत पीढ़ी दर पीढ़ी अभी चली आ रही है.

वे याद करते हुए बताते हैं कि रियासत काल में जयपुर के राजा मान सिंह ख़ुद कलाकारों का मनोबल बढ़ाने के लिए तमाशा देखने आते थे . मल परिवार की छठी पीढ़ी अपने पुरखों की इस परंपरा को जारी रखे हुए है.

परंपरा

तमाशा एक ऐसी विधा है जिसमें शास्त्रीय संगीत, अभिनय और नृत्य सभी कुछ होता है.

तमाशा सम-सामयिक राजनीति पर टिप्पणी करता है .

<span title=राजस्थान में तमाशा"
होली के मौक़े पर तमाशा

तमाशा कलाकार जगदीश मल कहते हैं, "राजनीति और तमाशे में ज़्यादा अंतर नहीं है. आज के दौर में भला कौन तमाशा नहीं करता."

तमाशा के गीतों में छाए 'फील गुड' फैक्टर के बारे में कलाकार विशाल मल कहते हैं कि चुनावों से पहले यकायक हर बार ऐसा ही 'फील गुड' पैक्टर आता है.

"हम बतौर कलाकार लोगों को सच्चाई से अवगत कराने की कोशिश करते हैं."

तमाशा के गीतों और संवादों में इस साल भारत उदय से लेकर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच जैसे विषयों पर भी कटाक्ष किया जा रहा है.

आमतौर पर तमाशा हीर-राँझा और पौराणिक पात्रों के ज़रिए अपना बात कहता है.

इसमें राग जौनपुरी और दरबारी जैसे शास्त्रीय गायन शैलियों को भी शामिल किया जाता है.

इसके आयोजन का ख़र्च मल परिवार के सदस्य ख़ुद वहन करते हैं.

जयपुर के इस पारंपरिक तमाशे पर अब पहले जैसी भीड़ नहीं उमड़ती. अब तो रथ यात्रा, रोड शो, रैली और चुनावी राजनीति के मंच पर नित नए नाटक हो रहे हैं.

ऐसे में कौन देखेगा इन कलाकारों के तमाशे को क्योंकि राजनीति तो ख़ुद ही एक 'तमाशा' बन गई है।

आज सुनिए ये मधुर गीत शोभा मुद्गल कि आवाज़ में ,राज्यस्थान कि माटी कि सुगंध यहाँ से साफ़ पता चलेगी ।

प्रस्तुति सहयोग-बीबीसीहिन्दी.कॉम




बंगाल की होली यानि दोल उत्सव(रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग ६)


होली का उत्सव हो और बंगाल को भूल जायें ऐसा कैसे सम्भव है अंग्रेजी मैं जो रोयलनेस कहा जाता है उसका आभास वहीं से ज्यादा बेहतर होता है बंगाल मैं होली को दोल उत्सव कहा जाता है कि बंगाल जो आज सोचता है, वो बाक़ी देश कल सोचता है. कम से कम एक त्यौहार होली के मामले में भी यही कहावत चरितार्थ होती है.
यहाँ देश के बाक़ी हिस्सों के मुक़ाबले, एक दिन पहले ही होली मना ली जाती है .
राज्य में इस त्यौहार कोदोल उत्सवके नाम से जाना जाता है

इस दिन महिलाएँ लाल किनारी वाली सफ़ेद साड़ी पहन कर शंख बजाते हुए राधा-कृष्ण की पूजा करती हैं और प्रभात-फेरी (सुबह निकलने वाला जुलूस) का आयोजन करती हैं.

इसमें गाजे-बाजे के साथ, कीर्तन और गीत गाए जाते हैं.

दोल शब्द का मतलब झूला होता है. झूले पर राधा-कृष्ण की मूर्ति रख कर महिलाएँ भक्ति गीत गाती हैं और उनकी पूजा करती हैं.

इस दिन अबीर और रंगों से होली खेली जाती है, हालांकि समय के साथ यहाँ होली मनाने का तरीक़ा भी बदला है.

बंगाल की होली मैं अब पहले जैसी बात नहीं रही. पहले यह दोल उत्सव एक सप्ताह तक चलता था.






पहले जैसी बात नहीं रही. इस मौक़े पर ज़मीदारों की हवेलियों के सिंहद्वार आम लोगों के लिए खोल दिये जाते थे. उन हवेलियों में राधा-कृष्ण का मंदिर होता था. वहाँ पूजा-अर्चना और भोज चलता रहता था.





इस मौक़े पर ज़मीदारों की हवेलियों के सिंहद्वार आम लोगों के लिए खोल दिये जाते थे. उन हवेलियों में राधा-कृष्ण का मंदिर होता था. वहाँ पूजा-अर्चना और भोज चलता रहता था.


देश के बाक़ी हिस्सों की तरह, कोलकाता में भी दोल उत्सव के दिन नाना प्रकार के पकवान बनते हैं.

इनमें पारंपरिक मिठाई संदेश और रसगुल्ला के अलावा, नारियल से बनी चीज़ों की प्रधानता होती है.

अब एकल परिवारों की तादाद बढ़ने से होली का स्वरूप कुछ बदला ज़रूर है, लेकिन इस दोल उत्सव में अब भी वही मिठास है, जिससे मन (झूले में) डोलने लगता है.

कोलकाता की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि यहाँ मिली-जुली आबादी वाले इलाक़ों में मुसलमान और ईसाई तबके के लोग भी हिंदुओं के साथ होली खेलते हैं.

वे राधा-कृष्ण की पूजा से भले दूर रहते हों, रंग और अबीर लगवाने में उनको कोई दिक्क़त नहीं होती.

कोलकाता का यही चरित्र यहाँ की होली को सही मायने में सांप्रदायिक सदभाव का उत्सव बनाता है.

शांतिनिकेतन की होली का ज़िक्र किये बिना दोल उत्सव अधूरा ही रह जाएगा.

काव्यगुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर ने वर्षों पहले वहाँ बसंत उत्सव की जो परंपरा शुरू की थी, वो आज भी जैसी की तैसी है.

विश्वभारती विश्वविद्यालय परिसर में छात्र और छात्राएँ आज भी पारंपरिक तरीक़े से होली मनाती हैं.

लड़कियाँ लाल किनारी वाली पीली साड़ी में होती हैं. और लड़के धोती और अंगवस्त्र जैसा कुर्ता पहनते हैं.

वहाँ इस आयोजन को देखने के लिए बंगाल ही नहीं, बल्कि देश के दूसरे हिस्सों और विदेशों तक से भी भारी भीड़ उमड़ती है.

इस मौक़े पर एक जुलूस निकाल कर अबीर और रंग खेलते हुए विश्वविद्यालय परिसर की परिक्रमा की जाती है. इसमें अध्यापक भी शामिल होते हैं.

आख़िर में, रवीन्द्रनाथ की प्रतिमा के पास इस उत्सव का समापन होता है.

इस मौक़े पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं.

शांतिनिकेतन और कोलकाता-स्थित रवीन्द्रनाथ के पैतृक आवास, जादासांको में आयोजित होने वाला बसंत उत्सव बंगाल की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है।
तो सुनी से मधुर-मधुर बंगाली होली का गीत। हमें यकीं है आप को ये पसंद आएगी ।



इस
प्रस्तुति मैं हमने बीबीसी.कॉम की सहायता ली है

इस श्रृंख्ला की पुराणी कडियाँ
राजनेताओं की होली (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग ५)
भोपाल की होली (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग ४)

होली आई रे कन्हाई (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग ३)

बनारस की होली (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग २ )

रंग बरसे ...आप झूमें श्रंखला भाग १

रंग रौशनी का (विशेष प्रस्तुति) (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला)

प्रस्तुति -मयंक चतुर्वेदी

दिन का चमकीला, उल्लास भरा उजाला बस छा जाने की ही तैयारी में है। रंग बिरंगे फूलों की डालियां लचकते हुए होली के गीत गुनगुना रही है। दिन की शुरूआत रंगीन बयार जैसी आज कुछ खास है। ये प्रकृति के हर रंग, उसकी हर छटा हमें नाचते गाते हुए बता रही है। लोगों की हलचल शुरू हो चुकी है। देवर-भाभी के नजरों की ठिठोली आंगन में, सुबह के बर्तन की आवाज के साथ खनक रही है। गीले हाथों से अपने माथे पर से बाल हटाते हुए देख रहे देवर में पिस रही भांग जैसा नशा महसूस होता है।
टोलियों की तैयारी पूरी हो चुकी है। कहीं-कहीं माइक और नगाड़े की आवाज भी आनी शुरू हो चुकी है। सुबह में उत्साह का रंग घुला हुआ है, जिसमें मस्ती, मजा और अबीर-गुलाल का रंग चढ़ता जा रहा है। बच्चे, बूढ़े चौराहे पर जुटे हुए, रंगीन टोपियां पहने हुए आज दोस्त बने हुए हैं। रंग लगाने के तरीकों और अपने स्विर्णम इतिहास के मजेदार किस्सों को चटकारे लेकर सुना रहे हैं।
अपने मोहल्ले के लड़कों की टोली के साथ मैं भी नाचता-गाता मस्ती करता हुआ, घूम रहा था। किसी के घर गुझिये तो कहीं ठंडाई तो कहीं खुरमे और सेवड़े हमें खाने को मिलते। रंगो की बौछार बिखेरते हुए हम अपने जीवन के सारे अवसाद, दुश्चिंताएं और भारी पन को भिगोते, धोते और निचोड़ते हुए बढ़ते जा रहे थे। टहलते-घूमते जब हम थोड़े थक गए और धूप भी थोड़ी तेज हो गई तो हम गांव के किनारे खेल के मैदान तक पहुंच चुके थे। गांव के कुछ लोग वहां पहले से ही मौजूद थे। किनारे लगी कुर्सियों पर भी लोग बैठे हुए होली का लुत्फ उठा रहे थे। कुछ बच्चे कैमरे लेकर दौड़ रहे थे। लोग चीखते-चिल्लाते हुए और उछलकर फोटो खिंचवाते। जैसे सारे लोग आज बादल की सवारी कर रहे हों, बिल्कुल निर्भार निश्चिंत जीवन बस आनंद के लिए है, तरह-तरह के रंगों से खुद को रंग लेने में है। `होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा` अचानक बज उठे इस गाने की आवाज ने हम में फिर एक नई जान फूंक दी और हम सभी नाचने लगे।
नाचते गाते मेरी नजर किनारे लगी बेंच पर बैठी एक मासूम बच्ची पर पड़ी, इसे तो मैं पहली बार देख रहा हूं, हो सकता है मोहल्ले में पहली बार आई हो। सफेद फ्रॉक जाने कितने रंगों में डूब चुका था। उसके चेहरे पर लगा हुआ लाल गुलाल किसी खिले हुए फूल जैसा लग रहा था। मैं उसके बगल में आकर बैठ गया और मुझे बड़ा अजीब लगा क्योंकि उसकी कोई प्रतिक्रिया मुझे देखने को नहीं मिली। मैं बैठा रहा फिर धीरे से उसके पास जाकर कहा-`हैप्पी होली` वो अचानक चौंकी और अपनी गोद में पड़ी हुई गुलाल से भरी तश्तरी लेकर हवा में उड़ाने लगी और हंसते हुए कह रही थी-`मैं भी तुम्हें रंग लगाउंगी` पर उसका चेहरा और गुलाल मेरी तरफ नहीं था। वो किसी और दिशा में फेंक रही थी। उसके चेहरे को मैंने गौर से देखा वो हंसती जा रही थी `लाल पीले हरे नीले हर रंग लगाउंगी मैं तुम्हें` जब मेरी निगाह उसकी आंखों पर टिकी तो मैं सिहर उठा। लाल पीले हरे सभी रंग उसकी खुद की जिंदगी में सिर्फ काले स्याह रंगों में ही मौजूद थे। वो देख नहीं सकती। मुझे अपने चारों तरफ फैले हुए रंग जैसे चिढ़ाने लगे, सब कुछ धुंधला होता जा रहा था। मैं छटपटाता हुआ जाने किधर भागा जा रहा हूं जहां सिर्फ उसकी हंसी ही है। मुझे होली के सारे रंग झूठे और बेमानी लगने लगे। क्या मैं उसकी जिंदगी में रौशनी का रंग बिखेर सकता हूं, जो लाल पीले हरे नीले बाकी सारे रंगों को उसके जीवन में बिखेर सके ?
इस श्रृंखला की पुरानी पोस्ट-

राजनेताओं की होली (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग ५)

भोपाल की होली (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग ४)

होली आई रे कन्हाई (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग ३)

बनारस की होली (रंग बरसे आप झूमे श्रृंखला भाग २ )

रंग बरसे ...आप झूमें श्रंखला भाग १