गूगल सर्च को बेहतर जाने-बने सर्च मास्टर

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नही मिलता.... फ़िर भी हम सब कुछ कुछ ढूँढ रहे हैं , कभी दोस्त , कभी आशियाना , कभी खाना , और कभी के कैसे सीखें ढोल बजाना ?आज हमें कुछ भी चाहिए होता है तो सबसे पहले जो नाम याद आता है वो है गूगल , गूगल सर्च इंजन अलग-अलग आधारों जैसे टेग्स , कंटेंट के आधार पर दुनिया भर की वेबसाइटों से माल इकठ्ठा करता रहता है और जब हमें ज़रूरत होती है हम उससे ढूंढ भी लेते हैं । गूगल पर सर्च अगर एक वज्ञानिक तरीके से की जाए तो काम ज्यादा आसान हो जाता है । तो फ़िर इंतज़ार किस बात का आज कुछ जानकारी अपनी गूगल सर्च बेहतर बनाने के लिए ...

शब्दों पर ध्यान दें

ऐसे शब्द इस्तेमाल करें जो आपको लगता है वेबसाइट पर लिखे होंगे जैसे delhi budget hotel और
listen indian music
ऐसे शब्द इस्तेमाल करने से बचें जो उस के बारे मैं बताती हो जैसे comfortable stay in delhi और cool and calm indian music

सटीक शब्द इस्तेमाल करें

गूगल पर ढूँढ़ते समय सटीक शब्दों का इस्तमाल करें की घुमा फिर कर
जैसे - building material
का इस्तेमाल करें और material for making walls

सीमित शब्दों का इस्तेमाल करें

गूगल आपके सर्च वाक्य को 10 शब्दों तक सीमित करता है , इसलिए बेहतर सर्च के लिए कम और सटीक शब्दों में सर्च करें

कुछ ऐसे शब्द और चिन्ह जिनसे आपके सर्च और आसान होगी

  • अंग्रेजी के कैपिटल अक्षरों में OR शब्द का प्रयोग दो विकल्पों में ढूँढने के लिए करें

जैसे bharat operating system OR systems और indian market OR markets

  • ( - ) चिन्ह का प्रयोग करें जब आपको किसी विशिष्ट शब्द के बिना सर्च करना है -(minus) साइन और आखिरी शब्द के बीच में स्पेस दें

जैसे pakistan -india और blogging -blogger

  • गूगल आम शब्द जैसे and और or आदि को सर्च से हटा देता है , पर जब हम उन शब्दों को जबरजस्ती शामिलकरवाना हो तो +(plus) चिन्ह का उपयोग करते हैं + और शब्द के बीच में स्पेस दें

जैसे +india +and afganistan और +religion +and belief

  • जब कोई ऐसा पेज ढूँढना हो जो कोई विशिष्ठ वाक्य लिया हुआ हो तो उस सर्च में "---" (क्वोट्स) का प्रयोग करें

जैसे "send free sms in india only" और "bharat ka samvidhan"

अपनी सर्च को सिमित करें

  • हम कई बार अपनी खोज ( सर्च ) को सिमित करना चाहते हैं , जैसे किसी एक ही वेबसाइट में सर्च करना चाहते हैं

मान लीजिये आपको माखन लाल यूनिवर्सिटी के दाखिले का नोटिस ढूँढना है तो आप सिर्फ़ माखन लालविश्वविद्यालय की साईट www.mcu.ac.in पर ही ढूंढ़ना चाहेंगे इसके लिए अपने सर्च वाक्य के आगे site:sitename.com लिखें

जैसे admission notice site:mcu.ac.in या mahatma gandhi site:mohalla.blogspot.com

  • अगर आप जानना चाहते के की किसी विशेष पेज से कौन कौन से पेज जुड़े हुए हैं ,या इस पेज की लिंक कहाँ कहाँ है तो उस साईट की नामे के आगे link: का प्रयोग करें(बीच में कोई स्पेस दें ) . इस विधि से आप किसी वेबसाइट के कितने सीधे हवाले हैं भी जान सकते हैं ।

जैसे link:sarparast.blogspot.com या link:pratibhaas.blogspot.com

विशिष्ठ सर्चें

चित्र ढूँढने के लिए images.google.com

google ग्रुप मैं ढूँढने के लिए http://groups.google.com/

  • यदि आपको किसी विषय पर पारिभाषिक सर्च करनी है तो सर्च के आगे define: लगायें

जैसे define: war और define: blogging और define: h2so4

  • यदि आप अपनी सर्च सिर्फ़ किसी वेबसाइट के हेडर या टाइटल तक सिमित करना चाहते हैं तो अपनी सर्च के आगे allintitle: प्रयोग करें

जैसे allintitle:ravi ratlami और allintitle:india is a great country

  • यदि आप किसी विशेष विषय से आर्टिकल या कोई डाकुमेंट ढूंढ़ना चाहते हैं तो अपनी सर्च की शुरुआत intitle: से करें

जैसे intitle:how to ping a blog ya intitle:bhopal lake

  • यदि आप किसी विशेष फाइल को ढूंढ़ना चाहते हैं तो आपको करना सिर्फ़ इतना है की अपनी सर्च के आख़िर में filetype:file type

जैसे यदि आप कोई pdf file सर्च करना चाहते हैं तो कुछ ऐसा होगा india filetype:pdf या aaj bhi khare hain talab filetype:pdf

मुझे लगता है की इस लेख से आप की गूगल खोज अब बेहतर होगी और आप गूगल में सर्च करने को आनंद मानेंगे.

शर्माइये नही आज तो टिपण्णी दे ही दीजिये ....


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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कारसेवा

5 दिसम्बर 1992 , बाबरी विध्वंस से ठीक एक दिन पहले लखनऊ मैं हुई एक सभा जिसमे अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लोगों को संबोधित किया ।
इस वीडियो मैं किसी भी और बात के आलावा धयान देने योग्य अटल जी का यौवन है ।
आज से 17 वर्ष पहले इस घटना को आप सभी जानते हैं आइये एक-एक कर इन वीडियो पर नज़र डालें ।



प्रथम भाग




द्वितीय भाग

तृतीय भाग





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दोस्त का आभार आपके द्वार

शादी पारंपरिक भारतीय समाज का आनंदमयी उत्सव माना जा सकता है। जिसमे लोकगीत, बधाईयां और गारियों ले लेकर फिल्मी गीतों का समागम रहता है। इस पोस्ट को लिखते हुए अत्यंत हर्ष महसूस हो रहा है कि मैं करोड़ों लोगों के विचारों को आकार दे पा रहा हूं। अभी पिछले दिनो हमारे मित्र की शादी हुई हमारे गांव में, जाने का अवसर तो प्राप्त नहीं हो पाया, लेकिन अग्रिम बधाई जरूर दे दी थी। शादी के दो दिन बाद उस मित्र का फोन आया, जिस पर उसने शादी और उससे प्राप्त अनुभवों का विस्तृत ब्यौरा दिया।.....इसी बीच अचानक खामोष हो बड़ी भावुकता से सवाल पूछा कि यार एक बात बताओ ‘ये देश है वीर जवानों का‘ और ‘बहारों फूल बरसाओ, मेरा महबूब आया है‘ गीत किसने लिखा है? मैने कहा पता करके बता दूंगा लेकिन ये अचानक गीतकार की याद कैसे आ गई। उसने कहा यार मै दोनों को बड़े दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि जब मेरी बारात जा रही थी और मै दूल्हा बना घोड़े पर बैठा था उस वक्त बारात में शामिल लोग नाच रहे थे, पर मुझे मजा नहीं आ रहा था। तभी बैण्ड वाले ने ‘ये देश है वीर जवानों का‘ बजाया और मन प्रफुल्लित हो गया। पहली बार लगा कि अपनी बारात जा रही है और अपन घोड़े पर बैठ कर स्वयम्वर के लिए जा रहे अकेले राजकुमार हैं।
जब हम उस धर्मशाला के द्वार पर पहुंचे जहां से हमारी शादी हो रही थी, गाना शुरू हुआ कि ‘बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है‘ उसे सुनते ही पता नहीं क्यों आंखे नम हो गई और लगा कि पहली बार पूरी शादी में अपन को किसी ने सीरियसली लिया है। धर्मशाला की छत पर खड़ी कुछ युवतियां हम पर फूल भी बरसाने लगी सचमुच हम स्वयंबर के अकेले राजकुमार थे।
तभी से मेरे मन में ख्याल आया था कि इन गीतों के गीतकारों के प्रति किसी तरह आभार प्रकट करूंगा। मैंने अपने मित्र की बात को समझते हुए यह पोस्ट लिखी क्योंकि सच में करोड़ों लोगों की षादियों में बिना रायल्टी के बजे इन गीतों ने उत्सव के पलों को यादगार जरूर बनाया है। लगभग तीन पीढ़ी की उम्र हो चुकी इन गीतों में आज भी वही मजा है। भाषाई बाधाओं को तोड़ते हुए ये गीत संपूर्ण भारत के हिस्सों में शादी के मौके पर साथी रहे हैं और हम सब की और से इन गीतों के गीतकार को बहुत-बहुत आभार।
सुनी और आनंद लीजिये

हिन्दी में लिखने के ऑफ़ लाइन टूल

हिन्दी में लिखने वालों की एक बड़ी दिक्कत रही है हिन्दी में आफलाइन लिखने की , हर बार ब्लॉग पोस्ट करने के लिए इन्टरनेट से जुड़ना ज़रूरी हो जाता है , असीमित ब्रॉडबैंड कनेक्शन वालों के लिए तो ठीक है पर जो लोग असीमित इन्टरनेट का प्रयोग नही कर रहे हैं उनके लिए कुछ समस्या तो है ही। इसके आलावा समय-समय पर ब्लागर का गूगल की लिपि परिवर्तक-सेवा से संपर्क टूट जाना लय के बने रहने अड़चन पैदा करता है ।

इस समस्या का समाधान इन्टरनेट पर पहले से ही मौजूद है ऑफ़लाइन फॉण्ट कन्वर्जन टूल इस टूल की मदद से आप अपने कम्प्यूटर पर अपने फाँट में लिख कर और उसे यूनिकोड में बदल कर ब्लागर या अन्य साईट पर उपयोग कर सकते हैं ।

मेरी जानकारी के अनुसार इनमे से कुछ अनुनाद सिंह जी और कुछ नारायण प्रसाद जी ने बनाये और आम जन के उपयोग के लिए दिए हैं। अनुनाद सिंह जी हमारे नजदीक इंदौर से हैं , नारायण प्रसादजी ने बीटेक ऑनर्स किया है। इसके साथ ही जर्मन और रशियन भाषा में डिप्लोमा प्राप्त किया है। वे 10 भाषाओं का ज्ञान रखते हैं और संस्कृत और हिन्दी के व्याकरण को लेकर विगत कई वर्षों से शोध कार्य कर रहे हैं । हम उनका धन्यवाद करते हैं जो उन्होंने ये फाइल्स उपलब्ध करा कर कई लोगों की मुश्किल हल की है ।

ये सभी फाइल्स जावा स्क्रिप्ट में हैं और इनके काम करने के लिए आपके कम्प्यूटर में जावा स्क्रिप्ट चलने की क्षमता होनी चाहिए ।
इन्हे डाउनलोड करने के लिए आप निचे दी हुई लिंक्स पर right click कर save link as पर क्लिक कर डेस्कटॉप पर क्लिक कर सेव कर सकते हैं
  1. कृतिदेव से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  2. आगरा फॉण्ट से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  3. गाँधी फॉण्ट से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  4. युवराज फॉण्ट से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  5. चाणक्य से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  6. डीवि योगेश से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  7. शिवाजी से यूनिकोड डाउनलोड करें (right click कर save as करें )
  8. श्री-लिपि से यूनिकोड परिवर्तक डाउनलोड करें (right click कर save as करें )

इसके आलावा अगर आप किसी और फॉण्ट में काम करते हैं जो यहाँ नही तो आप
Scientific and Technical Hindi (वैज्ञानिक तथा तकनीकी हिन्दी) के गूगल ग्रुप पर जाकर कुछ और भी डाउनलोड कर सकते हैं
इस ग्रुप की फाइल्स यहाँ मिलेंगी

एक बार आप फाइल डाउनलोड कर लें उसपर डबल क्लिक कर इन्टरनेट एक्स्प्लोरर में खोल लें । ऊपर एक पिली पट्टी आ जायेगी उस पर right click कर allow blocked content पर क्लिक करें,

और अपना पुराने फॉण्ट में लिखा गया पाठ लिखें और उसे यूनिकोड में में कन्वर्ट करें ,

उम्मीद है ये आपके लिए मददगार साबित होगा


Photobucket

अपने ब्लॉग पर ये चित्र लगा कर हिन्दी में लिखने को प्रोत्साहित कर सकते हैं ,क्योंकि कई लीग सिर्फ़ इसलिए ब्लागिंग नही करते क्योंकि उन्हें यूनिकोड में लिखने का तरीका पसंद नही है


कोड ये हैं

<a href="http://sarparast.blogspot.com/2009/03/blog-post_29.html" target="_blank"><img style="width: 263px; height: 195px;" src="http://i629.photobucket.com/albums/uu17/mayurdubey2003/Picture1-1.png" alt="Photobucket" border="0" /></a>



कोई और सहायता यदि हम कर पाएं तो बताएं ,खुशी होगी

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वरूण को हटाना भाजपा की नैतिक जिम्मेदारी

लंबी जांच प्रक्रिया के बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने भड़काउ भाषण देने के लिए वरूण गांधी को दोषी ठहरा हीदिया है। साथ ही भाजपा को यह सलाह भी दे डाली कि वह पीलीभीत से वरूण गांधी को उम्मीदवार न बनाए। इससलाह के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते भाजपा की यह नैतिक जिम्मेदारी बन जाती है कि वह पीलीभीत सेअपना उम्मीदवार बदल दे। सभी राजनैतिक दल भी अपने-अपने बयान जारी कर भाजपा पर यह दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
वरूण गांधी पर मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है और वरूण गांधी ने यह कहते हुए इनआरोपों को बेबुनियाद बताया था कि उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। लेकिन जब चुनाव आयोग ने वरूणको यह साबित करने को कहा तो वे इसमें नाकाम रहे। मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी भी कह चुके हैं किवीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। भारत के चुनावी इतिहास में संभवतः यह पहला मौका है जब आयोगने किसी पार्टी को ऐसी सलाह दी हो।
चुनाव के दौरान मतदाताओं को इमोशनली ब्लैकमेल करने के लिए राजनेता इस तरह के हथकंडे अपनाते रहे हैं।कईयों को तो दोषी भी करार दिया गया और कुछ किसी तरह गोलमोल कर बच निकलने में सफल हो गए। लेकिनमामला यहां तक नहीं पहुंचा था।
भारतीय राजनीति के लगातार गिरते स्तर का यह एक अच्छा खासा उदाहरण है। इस घटनाक्रम के बाद भाजपा केपार्टी विद डिफरेंस की छवि एक बार फिर उजागर हुई है लेकिन इस बार भी किसी तरह की आड़ी-तिरछीबयानबाजी कर वह अपना पलड़ा झाड़कर इस प्रकरण से मुक्त होने की कोशिश करेगी।
यदि आपने ये वीडियो पहले नही देखा हो तो अब देख लें । एडिटेड है ,
भगवान बचाए ऐसे नेताओं से

आप इसे क्या कहेंगे ज़रूर बताएं ।

पोस्ट अच्छी लगे तो ईमेल से भी पढें कहीं कुछ छूट नही जाए