हाथ जोड़कर एक अपील

हाथ जोड़कर एक अपील





24 तारीख़ को बाबरी मस्ज़िद विवाद का हाईकोर्ट से फैसला आना है।

तय है कि यह एक समुदाय के पक्ष में होगा तो दूसरे के ख़िलाफ़। ऐसे में पूरी संभावना है कि लोकतंत्र में विश्वास न रखने वाली ताक़तें 'धर्म के ख़तरे में होने' का नारा लगा कर जनसमुदाय को भड़काने तथा हमारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करेंगी। फ़ैसला आने से पहले ही इसके आसार नज़र आने लगे हैं।

दो दिन बाद … यानि 27 सितम्बर को भगत सिंह का जन्मदिन है। आप जानते हैं कि पंजाब में उस वक़्त फैले दंगों के बीच भगत सिंह ने 'सांप्रदायिक दंगे और उनका इलाज़' लेख में सांप्रदायिक ताक़तों को ललकारते हुए कहा था कि दंगो की आड़ में नेता अपना खेल खेलते हैं और असली मर्ज़ यानि कि विषमता पर कोई बात नहीं होती।

इन दंगो ने हमसे पहले भी अनगिनत अपने और हमारा आपसी प्रेम छीना है। आईये आज मिलकर ठंढे दिमाग़ से यह प्रण करें कि अगर ऐसा महौल बनाने की कोशिश होती है तो हम इसकी मुखालफ़त करेंगे…और कुछ नहीं तो हम इसमें शामिल नहीं होंगे।

ग्वालियर में हमने इस आशय के एस एम एस व्यापक पैमाने पर किये हैं। आप सबसे भी हमारी अपील इसी संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की है।

आईये भगत सिंह को याद करें और सांप्रदायिक ताक़तों को बर्बाद करें। यह एक ख़ुशहाल देश बनाने में हमारा
सबसे बड़ा योगदान होगा।
हमने इस साल भगत सिंह के जन्मदिन को 'क़ौमी एकता दिवस' के रूप में मनाने का भी फैसला किया है।

नई दखल दे साभार -
http://naidakhal.blogspot.com/2010/09/blog-post_21.html
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10 comments:

  1. प्रयास बहुत अच्छा है। मैं इससे सहमत हूं। कमसेकम हम इसमें शामिल न हों....हर कोई यह सोचेगा तो स्थिति सुधरी रहेगी...

    http://veenakesur.blogspot.com/

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  2. ऎसा ही हो! आमीन.

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  3. काश ऎसा ही हो, यह देश हम सब का हे, सब मिल कर उस फ़ेसले का स्वागत करे, ओर हमसब मिल कर इन नेताओ का मुंह काला करे जो हमे आपस मै लडाते है अपनी वोटो के लिये

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  4. सही समय पर सही अपील। धन्यवाद।

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  5. मुझे लग रहा है की वास्तव में तो कुछ नहीं होने वाला है ये सब कह कह कर शायद हमी सबके अन्दर धबराहट पैदा कर रहे है और इस विषय को बाधा रहे है |

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  6. बाधा =को बढा रहे पढ़े

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  7. @राज भाटिय़ा

    ham ummid karte hain ki aapki baat saty ho, aur in matlab parasst logon ko sabak seekhne ko mile

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  8. कुछ नहीं होने वाला
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति .......


    (क्या अब भी जिन्न - भुत प्रेतों में विश्वास करते है ?)
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_23.html

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