आज हम आप को लिए चलते हैं पंजाब के एक मोहल्ले में और हरियाणा की धुलन्डी में बशर्ते आप झूमेंगे।
हाँ और जाने से पहले गीत जरूर सुनियेगा
पंजाब का होला मोहल्ला
पंजाब मे भी इस त्योहार की बहुत धूम रहती है। सिक्खों के पवित्र धर्मस्थान श्री अनन्दपुर साहिब मे होली के अगले दिन से लगने वाले मेले को होला मोहल्ला कहते है।
सिखों के लिये यह धर्मस्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है।कहते है गुरु गोबिन्द सिंह(सिक्खों के दसवें गुरु) ने स्वयं इस मेले की शुरुआत की थी।तीन दिन तक चलने वाले इस मेले में सिख शौर्यता के हथियारों का प्रदर्शन और वीरत के करतब दिखाए जाते हैं। इस दिन यहाँ पर अनन्दपुर साहिब की सजावट की जाती है और विशाल लंगर का आयोजन किया जाता है।
कभी आपको मौका मिले तो देखियेगा जरुर।
हरियाणा की धुलन्डी
हरियाणा मे होली के त्योहार मे भाभियों को इस दिन पूरी छूट रहती है कि वे अपने देवरों को साल भर सताने का दण्ड दें।इस दिन भाभियां देवरों को तरह तरह से सताती है और देवर बेचारे चुपचाप झेलते है, क्योंकि इस दिन तो भाभियों का दिन होता है।
शाम को देवर अपनी प्यारी भाभी के लिये उपहार लाता है इस तरह इस त्योहार को मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति मे यही तो अच्छी बात है, हम प्रकृति को हर रुप मे पूजते है और हमारे यहाँ हर रिश्ते नाते के लिये अलग अलग त्योहार हैं।
ऐसा और कहाँ मिलता है।
और फिर सुनिए ये हरयान्वी होली गीत ,नया ही है, आनंद लीजिये
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बहुत कम शब्दों में बखान कर दिया आपने. पोस्ट थोडी और लम्बी होती तो मज़ा दोगुना हो जाता.
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