पिछले कई दिनों से कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी अपने दलित प्रेम को लेकर चर्चा में रहे हैं, उनके इस अंदाज़ से हर कोई प्रभावित हो रहा है। वे दलितों के घर जाकर खाना खाते हैं और बाकायदा रात भी गुजारते हैं। उनके साथ पिछले दिनों भारत आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड मिलिबंद भी एक दलित के घर यात्रा पर गाँव पहुंचे और वहां खाना खाया। दलित के घर का खाना विशुद्ध उसी परिवेश का था या नहीं अभी इस तथ्य का खुलासा नही हुआ है। बहरहाल हमारे मध्य प्रदेश में भी उन्ही के साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया 'महाराज' भी पिछले दिनों गुना के एक गाँव में दलित के यहाँ पहुँच गए, फिर क्या था अपने महाराज को देख प्रजा हर्षित हुई, मन प्रफुल्लित हुआ। सिंधिया ने उनके घर भोजन ग्रहण किया। अब इस घटना के बाद हमारे गाँव के किसान राम जीवन जो हालत से दलित है और जाती से सवर्ण। कहने लगा कि कोई सरकारी योजना नही है जो हमें चुनाव तक दलित बना सके। कम से कम गाँधी और सिंधिया नही तो हमारे विधायक भइया जी या सरपंच साहब हमारे घर पधार जायें और थोडी मदद कर दें, तवे पर रोटी डालने में। क्योंकि हमारे पास तो अपने दो बच्चों को भर पेट देने के लिए भोजन ही नही है हम दूसरो को क्या खिलाएंगे इसलिए हम कह रहे हैं चुनाव तक हम भी दलित हैं, हमारी भी मदद करो।
आख़िर में राजमाता फिर पछताएंगी कि प्रजा का ये हर्ष वोट में तब्दील क्यों नहीं हुआ. और परजवा जो है न ऊ अब बड़ी सयानी हो गई है जी.
ReplyDeleteहालत से दलित है और जाती से सवर्ण उनकी सुध कौन लेगा .
ReplyDeleteसही कह रहे है राम जीवन "चुनाव तक हम भी दलित हैं, हमारी भी मदद करो". इसी बहाने कुछ भला हो जाये .
कोई सरकारी योजना नही है जो हमें चुनाव तक दलित बना सके।.........
ReplyDeleteवाह, हमारी व्यवस्था का सत्य उजागर होता है इन पंक्तियों में
बहुत बढ़िया
बहुत बढिया लिखा आपने.
ReplyDeleteरामराम.