उठो और उठ के निज़ामे जहाँ बदल डालो ,
ये आसमान ये ज़मीन ये मकां बदल डालो ।
ये बिजलियाँ हैं पुरानी ये बिजलियाँ फूंको ,
ये आशियाँ है कदिम आशियाँ बदल डालो ।
गुलों के रंग मैं आग पंखुड़ी में शराब ,
कुछ इस तरह रविशे गुलसिताँ बदल डालो ।
मिज़ाज़-ए-काफिला बदला तो क्या कमाल किया ,
मिज़ाज़-ए-रहबारे कारवाँ बदल डालो ।
'हयात' कोई कहानी नही हक़ीकत है,
इस एक लफ्ज़ से कुल दास्ताँ बदल डालो ।
चाँदी के वरक में लपटा भारत
बिना स्पेस दिए रोमन टेक्स्ट हिन्दी मैं बदलें
है ना आसान.. न बार बार स्पेस दबाना न और कुछ ...
प्रयोग कर के बताएं कैसा रहा
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ब्लोगिंग शब्दावली
इस पोस्ट के माध्यम से हमारा प्रयास ब्लॉग और ब्लागिंग से जुडी कुछ शब्दावली हिंदी में समझने का है. दरअसल मेरा मानना है की जब व्यक्ति को उसके कार्य का अर्थ पता होता है तो उस कार्य को करने में उसकी उर्जा बढ़ जाती है , ब्लोगिंग / चिट्ठाकारिता* वेबलॉग -एक ऑनलाइन डायरी जिसमे किसी विषय पर या कई विषयों पर लेख लगातार प्रकाशित होते रहते हैं । ब्लोगिंग के रूपAndब्लॉग के घटक सुर उनके कार्य* इंडेक्स पेज - ब्लॉग का मुख्य प्रष्ट वेब फीड्स* वेब फीड - ऑनलाइन मिलने वाली एक ऐसी सदस्यता जिससे पाठक नया अद्यतन होने वाली सामग्री तुंरत प् सकता है । ब्लोगिंग सॉफ्टवेर / सेवा प्रदाताब्लोग्स के प्रकार* ग्रुप ब्लॉग - ऐसा ब्लॉग जिसमे एक से ज्यादा ब्लोगेर योगदान देते हों । * Progblog - एक प्रगतिशील ब्लॉग । ब्लोगेर्स की आदतें* Metablogging - ब्लोगिंग के बारे में लेख लिखना । ब्लोगर्स के प्रकार* Problogger - पेशेवर ब्लोगर अन्य ब्लोगिंग शब्द* Bloggies- सालाना ब्लोगिंग अवार्ड । ब्लोगिंग उपकरण और सेवाएं* Bloglines, Rojo, Newsgator, Kinja, ब्लागवाणी ,चिट्ठाजगत , हिन्दिब्लोग्स.कॉम , टेक्नोराटी , ये सभी ब्लॉग अग्रीगेटर हैं , ये सदस्य ब्लोग्स से पिंग के मध्यम से फीड इकट्ठी करता है और दिखता है, साथ ही जिन लोगों ने किसी विशेष ब्लॉग की सदस्यता ली है उन तक नया माल भी पहुंचाते हैं । कुछ और शब्द-छूट न जायें* Digged - digg.com से ट्राफिक अपने ब्लॉग पर ला सकते हैं,लिंक पोस्ट करके अन्तिम विविध ब्लोगिंग शब्द* Ajax - Asynchronous JavaScript and XML के लिए लघु रूप , ब्लॉग पर अतिरिक्त functanality के लिए । नए लेख ईमेल से पाएं |
शर्म आने लगी है ऐसे भेड़ियों को चुनने में
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पोस्ट का पहला अक्षर बड़ा बनाएं
Drop Caps - जी हाँ यही कहते हैं इसे , हम इसे बरसों से अपने वर्ड डाक्यूमेंट सुंदर बनने के लिए कर ही रहे हैं , और यदि आप वर्ड पर लिख सीधे किसी सॉफ्टवेर से प्रकाशित करते हों तो आप जानते ही होंगे ।
कैसे - इसको अपने ब्लॉग पर लगना कोई कठिन काम नही है , चूँकि हमारा ब्लॉग को css style sheet से हीसमझता है , तो हमें पहले ब्लॉग को ये बताना होगा, फ़िर वोह ख़ुद-ब-ख़ुद सिर्फ़ एक बार में समझ लिया करेगा ।तो ज्यादा समय नही लेते हुए विधि पर आते हैं ।
Step 1 - अपने ब्लॉग के edit HTML सेक्शन में जायें .
Step 2 - यहाँ आपके कोड लिखे दिखेंगे । यहाँ CTRL+F की सहायता से
]]</b:skin>
को ढूंढें ।
Step 3- ]]</b:skin> के ठीक ऊपर निचे दिया हुआ कोड पेस्ट कर दें
float:left; color:
headerBgColor;
font-size:100px;
line-height:80px;
padding-top:1px;
padding-right:5px; }
अब निचे दिए हुए सेव टेम्पलेट पर क्लिक करें - आपका काम हो चुका है
अब अपनी पोस्ट पर आकर पहले अक्षर को एडिट एच टी एम् एल पर आकर इस कोड में बंद कर लें <aad>अ</aad>
लगातार उपयोग के लिए
सेटिंग में जा कर - फॉरमेटिंग पर क्लिक कर सबसे निचे पोस्ट टेम्पलेट में इस तरह से कोड पेस्ट कर दें और सेवकर लें । इस से आपको ये कोड याद रखने में दिक्कत नही होगी
अब जब भी आप नई पोस्ट लिखेंगे तो आपको ये पहले से ही वहां मिलेगा , आपको सिर्फ़ बीच में जगह पर अपनीपोस्ट का पहला अक्षर लिखना है ।
ये पोस्ट कैसी लगी , ज़रूर बताइए ।
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लोकलज्जा भंग होने का प्रतीक है जरनैल का जूता
थोड़ा सा और गहरे में जाएं तो क्या ये भी सही नहीं है कि 60 साल के लोकतंत्र की हालत अब भी इस कदर कमजोर है कि एक पत्रकार का जूता इसमें हिलोरें पैदा कर सकता है। सवाल जरनैल के जूते से सज्जन और टाइटलर के टिकट काटकर जन भावनाओं के सम्मान का नहीं है (जैसा कांग्रेस कह रही है) यदि हिंदुस्तान के राजनीतिक दलों को जनभावनाओं की इतनी ही कदर है तो फिर दोषी ठहराए जाने के बावजूद सज्जन और टाइटलर आज इस मुकाम पर कैसे पहुंचे । यहाँ तो राजनीतिक पार्टियों का ये एक सूत्रीय ऐजेंडा है सत्ता सुख का भोग। चाहे उसके लिए उन्हें कुछ करना पड़े। इस आम चुनाव में कौनसा ऐसा मुद्दा है जो आम आदमी से सीधा जुड़ा है। यदि सिक्ख दंगों के लिए दोषी ठहराए जाने के बावजूद सज्जन और टाइटलर को टिकट मिल रही थी तो शर्म आना चाहिए हमारे लोकतंत्र के पुराधाओं को , हम बहस इस विषय पर कर रहे हैं कि जरनैल का चिंदबरम पर जूता उछालना कितना जायज है। हम ये नहीं जानना चाहते कि भारतीय राजनीति में ऐसे न जाने कितने टाइटलर और सज्जन हैं जिन्होंने अपनी पार्टी के फायदे के लिए क्या-क्या नहीं किया। इसीलिए तो अब लोकतंत्र में लोकलज्जा भंग हो रही है।
जरनैल का एक पत्रकार होते हुए चिदंबरम पर जूता उछालना इसी बात का प्रमाण है। चाहे कोई किसी पेशे में हो लेकिन सबसे पहले वह एक इंसान है। इंसान के भीतर उसके अपनी संवेदनाएं है। यदि जरनैल का मामला प्लांटेड नहीं हुआ तब तो ये पूरी राजनीतिक बिरादरी पर फेंका गया एक जुता है। यदि इस जूते ने कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के निर्णय को प्रभावित किया है तब तो निश्चित रुप से जरनैल का कृत्य काबिले तारीफ है। इराक में जार्ज़बुश पर फेंके गए जैदी के जूते की इसीलिए वहॉं जय-जयकार हुई थी। दरअसल ये जूता नहीं जनभावनाओं का प्रतीक है।
अब आपके लिए भी ये एक जूता छोडे जा रहे हैं , मन चाहे पत्रकारों पर मारें, मन चाहे हमारी राजनीती पर मारें , या चाहें तो उस पर क्लिक करें और हमें गरिया दें या कमेन्ट दे दें
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गूगल एनालिटिक्स पर रजिस्टर करें-रिपोर्ट्स का विवरण अगली पोस्ट मैं
इस पोस्ट मैं सिर्फ़ गूगल एनालिटिक्स मैं रजिस्टर कैसे करें है और अगली पोस्ट कैसे इस्तेमाल करें इस पर आधारित होगी क्योंकि जब आपके पास डाटा होगा तब ही तो आप उसका इस्तेमाल करेंगे और गूगल एनालिटिक्स
मैं डाटा इकट्ठे होने मैं एक दिन का समय लगता है । गूगल एनालिटिक्स मैं तमाम तरह की सुविधाएं हैं और advanced reports देखी जा सकती हैं ।
तो देखें कैसे रजिस्टर करें
- google.com/analytics पर क्लिक करें और रजिस्टर करें । इस पर रजिस्टर करने के लिए आपके पास सिर्फ़ एक गूगल खता और एक ब्लॉग का होना ज़रूरी है .
- रजिस्टर करने के बाद दूसरी कड़ी अपने चिट्ठे के बारे में अनालिस्टिक को बताना होता है । यहाँ सिर्फ़ चिट्ठे का नाम , url और अपने देश का नाम देना होता है । डिटेल देने के बाद continue पर क्लिक करें ।
- तीसरी स्टेप में अपनी निजी जानकारी जिससे अनाल्य्स्टिक आपको पहचानेगा डालें और continue करें ।
- अगली कड़ी में गूगल की सेवा शर्तों को मानें क्योंकि बिना उसके हम आगे नही जा सकते .
- निचे डाटा शरिंग लिंक पर क्लिक करें और अपने हिसाब से तय करें की आप अपना डाटा किसी के साथ शेयर करना चाहते हैं या नही , मेरे ब्लॉग पर तो जो भी है बाँटने के लिए ही है इसलिए मैंने इस प्रकार शेयर किया है । इस स्टेप के बाद निचे create new account पर क्लिक करें ।
- अब आप इस पेज पर आ जायेंगे , यहाँ दो तेबों में दो दो कोड दिए हुए हैं New Tracking Code(ga.js) और Legacy Tracking Code (urchin.js) । हमें एक एक करके दोनों का इस्तेमाल करना है , एक दूसरी विंडो में ब्लॉगर खोल लें ।
जहाँ कोड पेस्ट करें उसके ठीक निचे urchin.js का कोड पेस्ट कर दें । urchin.js कोड के लिए दिए हुए चित्र की तरह दिए हुए कोड को कॉपी कर पेस्ट कर दें ।
आपके ब्लॉग पर दूसरा कोड कुछ ऐसा दिखेगा . अब save template पर क्लिक करें ।
7. जब कोड सेव कर लें , दोबारा अनाल्य्स्टिक की वेबसाइट पर जा कर continue पर क्लिक करें ।
आपका कार्य हो चुका है , आधे घंटे बाद दोबारा गूगल एनालिटिक्स को एक्सेस करें आपको ये सही का निशान दिख जाएगा
अब रिपोर्ट्स कैसे देखें और क्या रिपोर्ट्स हैं इसे पढने और समझने के लिए अगली पोस्ट पढ़ें , जो शीघ्र ही प्रकाशित होगी । मैं यहाँ बताना चाहता हूँ की ये रिपोर्ट ब्लोग्गेर्स से ज्यादा उन वेबसाइट्स जो इन्टरनेट व्यापार आदि कार्यों मैं लगी हैं के काम का है । तो अगली पोस्ट का इंतज़ार करें ।
और हाँ नए लेख ईमेल से पाएं कहीं कुछ छूट नही जाए
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श्रीलंका-तमिल संघर्ष पर एक नज़र " और हम "
फिलहाल श्रीलंका में स्थिति इतनी ख़राब है की उसे हिटलर की दोबारा वापसी कहना अतिशयोक्ति नही होगी , श्रीलंकन आर्मी आम तमिल निवासियों के बीच बम गिरा रही है ,हालत सचमुच बहुत ख़राब हैं । बच्चे गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों किसी को नही छोडा जा रहा । संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 4000 से ज्यादा तमिलों को पिछले तीन महीनों में मारा है जिसमे 900 से ज्यादा तो बच्चे ही हैं । संयुक्त राष्ट्र ,अमेरिका और भारत जैसे देश क्या कर रहे हैं ,कब तक श्रीलंका इसे अपना अंदरूनी मामला कह कर और बचता फिरेगा ।
मेरी नाराज़गी हमारे नागरिकों से भी है , हम में से कुछ लोग इराक के राष्ट्रपति - सद्दाम हुसैन को फांसी देने का विरोध करते हैं और श्रीलंका में मारे जा रहे नागरिकों के लिए कुछ नही कर सकते ? जरुरत है हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर प्रेशर बनाएं , मानव अधिकारों की बात करने वाले आगे आयें , कोई सिर्फ़ आतंकवाद या अतिवाद से निपटने के लिए इतना बर्बर कैसे हो सकता है॥
पढें और देखें
तस्वीरें - श्रीलंका में नरसंहार
क्या है श्रीलंका का तमिल संकट-साभार-शांत प्रकाश
शुरू किया.
सिंहला शासकों की नीति के कारण तमिलों में नाराज़गी बढ़ी और उन्होंने देश के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में स्वायत्तता की माँग करनी शुरू कर दी. वे अपने अलग और स्वतंत्र देश की माँग करने लगे. आँदोलन ने हिंसक रूप लिया और तमिल क्षेत्रों में सिंहला सुरक्षाबलों और तमिलों के बीच झड़पें होने लगीं. 1976 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल इलम (एलटीटीई) अस्तित्व में आया.
1985 तक श्रीलंका में तो 50,000 शरणार्थी थे ही, वहाँ से लगभग एक लाख तमिल शरणार्थी भारत भी आ गए. 1987 में दोनों देशों में समझौता हुआ कि श्रीलंका सरकार पीछे हटेगी और देश के उत्तरी इलाकों में भारतीय शांति सेना क़ानून और व्यवस्था पर नज़र रखेगी. इस समझौते का श्रीलंका की सिंहला और मुस्लिम आबादी ने जमकर विरोध किया जिसके बाद दंगे भी हुए.
श्रीलंका में युद्ध का मूक आतंक- साभार-NVO
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google trends-गूगल ट्रेंड्स -कौन कहाँ जा रहा है -कितना जा रहा है .
कहा जाता है भारत त्योहारों का देश है , ये देखिये हम अपने त्योहारों को इन्टरनेट पर कितना ढूँढने की कोशिश करते हैं । हम दिवाली सिर्फ़ साल मैं एक बार ही ढूंढते हैं ये देखिये वो भी ठीक दिवाली पर
देखा आपने दिवाली हमारे लिए कितनी ज़रूरी है
ज़रा होली को देखिये
होली भी वहि साल मैं एक बार देखी जाती है ॥
कुम्भ का मेला तो चार साल में ही लगता है
इस सेवा का एक बड़ा ही मजेदार पक्ष शब्दों की तुलना की सुविधा है : आइये इसे भी समझते हैं -मान लीजिये हमें जानना है की कोका कोला और पेप्सी मैं से ज्यादा कौनसी सर्च होती है तो cocacola,pepsi लिख कर सर्च करें
मुझे तो इससे ये ही समझ आता है कि पेप्सी हमेशा से कोका कोला से ज्यादा पापुलर शब्द रहा है । वैसे मुझे तो कोकाकोला ही पसंद है ।
चलिए हिन्दी ब्लाग और अंग्रेजी ब्लॉग कि आपस मैं तुलना करते हैं कि कब क्या ज्यादा ढूँढा गया ।
दुनिया भर में
इसके आलावा भी आप कई चीजों को जैसे सोनिया,अडवाणी,पवार,मायावती और प्रकाश करात कि आपस में तुलना कर सकते हैं ।
ये देखिये
भारत भर में
- सोनिया गाँधी 2004 में सरकार में आम चुनाव बाद हुए घटना क्रम से कितनी पब्लिसिटी पा चुकी हैं आप देखसकते हैं
- अपने हाई टेक अडवाणी जी काटो कुछ पता ही नही चलता
- शरद पवार सिर्फ़ 2006 के अंत में जब बीसीसीआई में आए तब ही चमके हैं
- मायावती का पता नही
- प्रकाश करात का पता नही
ये देखिये
इसके आलावा भी कई प्रकार के अनालिसिस के लिए है गूगल ट्रेंड ।
अब ये ही देखिये कि इन्टरनेट पर वेब दुनिया ज्यादा प्रचलित है या दैनिक भास्कर
ये देखिये ऑरकुट और फेसबुक कि तुलना
उम्मीद है जानकारी आपको काम आएगी ।
वैसे ये सेवा मार्केटिंग, विज्ञापन आदि पर सर्च कर रहे लोगों को काफी जमेगी क्योंकि उन्हें कुछ न कुछ सर्वे करते रहना पड़ता है ।
आपने क्या नया ढूँढा ज़रूर बताईएगा ।
कुछ काम के लेख
हिन्दी में लिखने के ऑफ़ लाइन टूल
इन्टरनेट स्पीड क्या ? क्यों ? कैसे ?
अब दूर बैठे यार की तकनीकी मुश्किल आसानी से हल करें
किसी भी साईट से लिंक करने से पहले एक बार ज़रूर देखें
गूगल कनेक्ट का सोशल बार लगायें
ब्लॉग में पेज नम्बर ,वाह क्या बात है !