मोमोस हमारी दिल्ली के हर मार्केट मिलते हैं । लोग बड़े शोक से खाते हैं । हर इस्टाल(कभी खोप्चों में भी ) पे ये चायनीज डिश के रूप में परोसे जाता है । और हम लोग उसे चायनीज ही समझ कर खाते हैं । कोई ये नही जनता की ये चायनीज नही तिब्बत की डिश है और तिब्बत चीन का हिस्सा नही है । ये अलग बात है चीन उसे अपना हिस्सा मानता है लेकिन दोस्तों आप को हम ये बता दें की अगर आप किसी व्यंजन का स्वाद सिर्फ़ पैसों में लेने चाहते हैं तो ये सही नही है । क्योंकि हर व्यंजन की एक संस्कृति और परिवेश होता है और आप को उसे जानना चाहिए, और एसे अवसर पर जब की कोई देश किसी का इतिहास बदल रहा हो और उसकी संस्कृति को ख़तम कर रहा हो । आप लोगों को पता होगा की तिब्बत अपने अस्तित्व की लडाई लड़ रहा है । और चायना उसे और उसके कल्चर को भी ख़तम कर रहा है । जेसे की मोमोस अब चायनीज होने लगे । मेरा आप लोगों से अनुरोध है की मोमोस तिब्बत की डिश है न की चायना की । खाने साथ थोड़ा साजिदा होने की जरुरत है और हाँ यदि आप भी तिब्बत के चौके ( रसोई ) के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लिंक पर देखें http://recipes.wikia.com/wiki/Tibetan_Cuisine चटकारे लगायें
औ आपको मोमो कैसे लगते हैं बताइयेगा
ये मोसोस क्या है, भाई,हमारे यहाँ तो, समोसे आलू बड़े , ही मिलते हैं. कुछ फोटो, या इसके जायके के बारे में भी बताएं
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