कलकत्ता के प्रसिद्ध छोले भटूरे

कभी भोपाल आयें तो छोले भटूरे ज़रूर खाइएगा , वो भी न्यू मार्केट मैं . अरे ख़ास कुछ नही है,वैसे ही है . भाई आप हर चीज़ मैं खास क्यों ढूँढने लगते हैं . खासियत कई हैं पर वो जगह की हैं ,ये न्यू मार्केट की इकलौती जगह है जहाँ भटूरे खाने के लिए लाइन लगती है ,लोग इस कदर दीवाने है की न्यू मार्केट आकर यहाँ के भटूरे और मिश्रा की जलेबी ज़रूर खाते हैं .हनुमान मन्दिर के पीछे भटूरे की लाइन से तीन दुकाने हैं .पंजाब के छोले भटूरे,दिल्ली के छोले भटूरे,और कलकत्ता के छोले भटूरे .

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क्या कहा भटूरे मैं कुछ काला है ,कलकत्ता मैं भटूरे प्रसिद्ध नही ,हाँ भाई लोचा तो ये ही है .दरअसल पहले दिल्ली फिर पंजाब तो तीसरी दूकान वाले ने सोचा मैं क्यों पीछे रहूँ पुरानी ही सही राजधानी का नाम ही रखूँगा और फिर हम कलकत्ता के हैं तो कलकत्ता क्यों नही . तो भाई ऐसे ही aसहा साहब ने अपनी दुकान का नाम कलकत्ता के छोले रखा . DSC02966

बीते दिनों महंगाई के बड़ते ही हमारे भटूरों के रेट भी बढ़ गए ,दिवाली तक 10 रुपए प्लेट आने वाले भटूरे अब 15 रुपए प्लेट हो गए हैं .हाय री मंहगाई मेरे भटूरों को तो छोड़ देती ! कभी मूड बने तो आएये यारों के साथ शाम को 6 के बाद आप खुश किस्मत होंगे की जाते ही बैठने की जगह मिल जाए .

आप देखिये की किस तरह से भटूरे बनते ,कैसे खाते हैं खाने का तरीका सीखिए फिर ही खाने को मिलेगा .बीते कई सालों से तीन दुकाने जम के धूम मच रही है . और फिर हमारा नाम भी सूरमा भोपाली ऐसे ही नही है इसलिए कुछ फोटो भी दे रहे हैं लगाइए ..... चटकारे .

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