अधिनायक



इस गणतंत्र दिवस पर मेरे प्रिय कवि रघुवीर सहाय की कविता अधिनायक आप लोगों के लिए
राष्ट्रगीत में भला कौन
वह भारत-भाग्य-विधाता है
फटा सुथन्ना पहने जिसका
गुन हरचरना गाता है।
मखमल टमटम बल्लम तुरही
पगड़ी छत्र चंवर के साथ
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय-जय कौन कराता है।
पूरब-पश्चिम से आते
हैं नंगे-बूचे नरकंकाल
सिंहासन पर बैठा,
उनकेतमगे कौन लगाता है।
कौन-कौन है वह जन-गण-मन
अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका
बाजा रोज बजाता है






3 comments:

  1. यथार्थ की सुंदर अभिव्यक्ति!

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  2. "मखमल टमटम बल्लम तुरही,
    पगड़ी छात्र चंवर के साथ,
    टॉप चुदाकर ढोल बजाकर,
    जय जय कौन करता है." - बहुत सुन्दर

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  3. कविता की प्रस्तुति का आभार ।

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