प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा कि उनकी योजना सांसदों के लिए बाध्यकारी कानून लागू करने की है, जो अन्य सार्वजनिक संस्थानों के लिए चेतावानी है कि कठोर छानबीन का सामना करना होगा।
संविधान सुधार विधेयक की योजना तय करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ऐसा प्रावधान शामिल होगा जो जिम्मेदारियां निर्धारित करेगा। सांसदों के लिए एक आचार संहिता होगी। ब्राउन के हवाले से मीडिया में कहा गया है कि उसके बाद हम एक स्वतंत्र बाहरी संस्था बनाएंगे। जो अब से आगे इन चीजों का प्रबंधन करेगी।
लेकिन ब्राउन की परेशानी इस से सुलझने से ज्यादा बढ़ते जा रही है , एक-एक करके उनके तीन मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं ।
वे एक दमदार नेता हैं और ऐसी छोटी बातों से वे डिगने वाले नही हैं , उनकी पार्टी का विशवास उन में है और वे पूरे विश्व के लिए उदहारण प्रस्तुत करना चाहते हैं । उन की जय हो
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सटीक बात कही है आपने। इन पर भी नकेल कसी जानी चाहिए।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
क्या हमारे देश के नेता इन से सीख लेगें?शायद कभी नही..
ReplyDeleteहमारे देश के मोटी चमड़ी वाले नेता ऐसा कुछ यहाँ होने नहीं देंगे...
ReplyDeleteatyant saarthak aalekh
ReplyDeletebadhai ho
jai ho !
अपने पर किसी भी प्रकार का अंकुश लगाने की हिम्मत न तो हमारे प्रधान मंत्री कर सकते है एवं न माननीय सांसद गण. हाँ, अपने वेतन, भत्ते, सुविधा बडाने के नाम पर सभी दलों के सांसद गणों में अभूतपूर्व एका समय समय पर जरूर देखने को मिला है.
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