18 डब्बे लग्गे श्री अमरनाथ की रेल में ..

बाबा भोले का बुलावा आया है , मुझे सपरिवार बुलाया है, कहा है पहलगाम के रास्ते आना ,वहां का मौसम मैंने सुहाना बनाया है , मैं जब तुम्हारी माता पार्वती को लेकर गुफा में जा रहा था तब मैंने वहां नंदी महाराज को छोड़ दिया था , फ़िर क्या था वहां से हम भी पैदल हो लिए , भाई क्या नज़ारा होता है वहां का तुम जब आओ तो वहां पूरी शाम रुक कर घूमना, जहाँ तुम्हारा आधार शिविर है वहां पास से एक नदी जाती है उसे देखना, चाँदी जैसी चमकती है नदी अरे हाँ तुम्हे पता है वहां एक घाटी है बेताब घाटी वहां वो तुम लोग क्या कहते हो फिलिम विलिम , हाँ बेताब , उसको वहीं बनाया था पर तुम वहां मत जन तुम तो मेरे पास जाना रात में बढिया आधार शिविर में जाना , धूम मचाना , भजन गाना , ढोल बजाना , भोजन करना , मैं वहीं रहूँगा मुझे ढूंढ़ना सुबह तुम फ़िर चंदनवाडी जाओगे , हम तो पैदल गए थे 16 किलो मीटर पर तुम्हारे लिए तो बस का इन्तेजाम है , जाओ बढिया वहां सुबह सुबह नदी मैं नहाओ और यात्रा चालू कर दो हाँ पर याद रखना साथ में स्वेटर, जैकेट, गरम मोजे, दस्ताने, टोपा , छाता, बरसाती, टॉर्च, पानी की बोतल, सुई धागा जरुर रखना, और जूते जरा ढंग के पहनना , ये नही के रस्ते में बैठ गए के पाँव में दर्द हो रहा है बाबा, में नही पाउँगा फ़िर , अभी बता रहा हूँ अच्छा सुओ मैंने यहाँ तुम्हारे चंदा मामा को छोडा था , तभी तो इसका नाम चंदनवाडी पड़ा है , उसका उजाला अभी भी है वहां , तुम जब यात्रा शुरू करोगे तो पाओगे की पहाड़ ही पहाड़ हैं , धूल ही धूल है , ये मत समझना के चाँद पर गए, इतना समझना के पिस्सू टॉप की चढाई शुरू हो गई है ये चढो , बड़ा मज़ा आएगा इस रस्ते पर , अच्छा सुनो कोई बुजुर्ग को समस्या रही हो तो हाथ पकड़ के ले जाना , थोडी देर हो जायेगी चलेगा, पर जाना फ़िर तुम जोजिबाल और नागा कोटि से होते हुए शेष नाग जाना , हां ! जब तुम यहाँ पहुँच रहे होगे तो तुम्हे एक खूबसूरत तालाब मिलेगा इस तालाब का पानी घोर नीला और अपने में रहस्य लिए हुए है ! तो जब मैं जा रहा था तब मैंने कंधे पर बठे भुजंग महाराज याने शेष नाग जी को यहाँ छोड़ दिया था तभी से इस जगह का नाम शेष नाग पड़ा है यहाँ पूरी रात विश्राम की व्यवस्था है चारों और सुरम्य वादियों से घिरी वादी कहीं हरी चादर ओढी दिखाई देगी कहीं सफ़ेद , दूर दिख रहे पर्वत तक जाना लगेगा तो आसान पर जब पग बढाओगे तो बहुत दूर पाओगे , स्वर्ग है वहां सचमुच स्वर्ग तुमसे पहले जो लोग आए हैं वोह कहते हैं की यहाँ रात मैं एक नीला उजाला होता है और शेष नाग के दर्शन होते हैं , शेष नाग के दर्शन तो नही पर चाँद रात में वहां उस नीले रौशनी को देखना बहुत ही मोहक होता है ज्यादा थकना मत सो जाना सुबह जल्दी उठाना है फ़िर पञ्चतरनी से होते हुए गुफा तक भी तो आना है, इस यात्रा का सबसे खूब सूरत पड़ाव है ये और आगे मिलने वाले सौन्दर्य की झलक भी सुबह उठ के जब यात्रा शुरू होगी तब एह्साह होगा सर्दी का और ये सर्दी अब कम नही होने वाली , आगे है महागुनस टॉप , शब्द से शायद समझे हो की हम महा गणेश की बात कर रहे हैं महा गणेश के उदर की तरह ही विशाल और उनके दांतों की तरह सफ़ेद बरफ , ऊंचाई भी अब तक की सबसे ज्यादा होगी पूरे चौदाह हज़ार पॉँच सौ फीट ऊपर, यहाँ श्वास वायु का भी स्तर कम हो जाता है इसलिए किसी भी साथ चलने वाले से कहना के आराम से चलो ज्यादा उर्जा खत्म मत करो आगे बहुत यात्रा बाकि है इस पर्वत का पार करते यात्रा का सुखद अनुभव अपने चरम पर होगा , यहाँ बरफ में अटखेलियाँ करने का भी अपना की आनंद है अगला पड़ाव होगा पंचतरनी पंच तरनी अगर दोपहर १२ बजे तक पहुँच जाओ तो ठीक है आगे बढ जाना नही तो यात्रा यही विराम दे देना , इस यात्रा का एक महत्त्व सुदूर वादियों में निकल रही इन पॉँच जल धाराओं में स्नान करना भी है पॉँच पर्वत और पॉँच धाराएं ही बनती है इस पंचतरनी नदी को निर्मल स्वच्छ जल में स्नान का अपना ही आनंद है, फ़िर यात्रा भी हमारी याने बाबा बर्फानी की है अब ये अन्तिम पड़ाव होगा तुम्हारी यात्रा का जहाँ कुछ किलोमीटर पैदल चल कर संगम पहुंचोगे जहाँ से बालताल से आने वाले भक्तों का जत्था भी तुम्हारे साथ हो लेगा एक लम्बी कतार में बम बम भोले के नाम के जयकारे लगते हुए जाना मेरे पास , मेरी गुफा में , बस बाकि तो निरंतर चलता ही रहेगा तुम्हे ये मेरा बुलावा है "की आना प्यारों संग भक्तार "



थम गए नेता जी ब्लॉग

ड़े नेता जी ने बनाया बड़ा ब्लॉग , उस पर पैसा भी लगाया , ब्लॉग का विज्ञापन भी चलवाया पर अब वोह बंद हो गया है वो भी बेचारे परेशां हैं एक तो कोई पढता नही था और अगर कोई पढ़ भी लेता तो भी वोट नही देता , भाई ये भी कोई बात हुई , मुह उठाए गए ब्लॉग पढने , अरे भई कमेन्ट दो तो जरा हमें भई अच्छा लगे आप को ही
नेता जी ब्लॉग पर आपका स्वागत है


"मैं लिखूं पोस्ट तुम दो वोट .."
अरे हालत तो ये हैं के नेता जी , अरे नाम तो बोला है नही, अरे अपने अडवाणी जी के ब्लॉग पर आखिरी पोस्ट 1 मई को छपी थी और उस पर पहली टिप्पणी 11 मई को देखने को मिलीखैर ये तो अच्छा है के देश में दूसरे लोगों को भी सूचना प्रोद्योगिकी के बारे में जानते हैं नही तो ये भइया तो कुछ भी बोलकर वोट ले जाते



"देसी नेता ब्लॉग पर आयें ..."
बात सूचना प्रोद्योगिकी की है तो मध्यप्रदेश कैसे पीछे रह सकता है , तो बन गया ब्लॉग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लिखते हैं या लिखवाते हैं समझ नही आता पर इनको पढ़कर ये नही लगता के कोई मुख्यमंती लिख रहा है , मुझे तो इस बात प् भी संशय है की ये हैं भी या नही , पर जो भी कहो पाँव पाँव वाले भइया की चलती खूब है , गाँव गाँव में इनकी पहुँच तो है ही साथ ही पहली ही पोस्ट पर टिप्पणिओं का आंकडा 110 पा जाने से इनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है , और ये भी नही के कोई भी लिख गया , हिन्दी ब्लॉग्गिंग के जाने मने नाम उनके ब्लॉग पर टिप्पणी करते हुए पाए गए हैं, पर अब वे भी लिखने पर कम ही विश्वास करते हैं , ऐसे में मेरी तो उनको ये ही राय है की साहब ब्लोगिंग व्लोगिंग छोड़ कर ट्विट्टर पर चेह्चाहना शुरू कर दें कम लिखें और लोगों को अपनी गतिविधिओं के बारे में बताते रहेज्यादा टेंशन भी नही है , कुछ नही किया तो लिख दें , "आज कोई काम नही है, तालाब जायेंगे मिटटी खोदने "शायद कोई जाए



छुट भैया नेता ब्लॉग भी है
ऐसा नही है की ब्लॉग सिर्फ़ इनने ही बनाये हैं , ब्लॉग तो हमारे नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने भी बनाया है , उस ब्लॉग से सुंदर उस पर उनकी तस्वीर लग रही हैपर ये तो बस ये ही कहते हैं ,
की ये थी हमारी किस्मत के विसाले पाठक,
अगर और लिखते रहते तो भी ये ही हाल होता
इन के ब्लॉग पर जो आते भी थे वो भी BJP वाले , तो कब तक लिखते रहते , छोड़ दिया लिखना पढ़ना । 24 अप्रैल से शुरू किया और 2 मई तक अपनी पूरी उर्जा से लिखा बस फ़िर छोड़ दियाऔर क्या है अब तो MP हैं !




" फ़िल्मी नेता ब्लॉग..."
अभी तक तो हम ऐसे नेताओं की बात कर रहे थे जो राजनीति करते हैं ,पर एक ऐसे नेता जी हैं जो राजनीति बना रहे हैं , बात बस इतनी सी है की वो जीत नही पाए , आदमी अच्छे हैं पर पता नही क्यों राम विलास पासवान से जा मिले , वो कहते हैं विनाश काले विपरीत बुद्धे देखने सुनने मैं साधारण आदमी लगते हैं , काम बहुत बड़े बड़े किए हैं पर अपनी एक फ़िल्म में लालू यादव के साले साधू यादव का नाम इस्तेमाल करके बुरा किया , उस ने भी ठान लिया के जितने नही दूंगावो ख़ुद हार गया पर प्रकाश झा को भी जितने नही दिया ,
इनका ब्लॉग भी बडिया है , हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में ही आलेख मिलते हैं , लगता है के इनका ब्लॉग तो चलेगा , ये लिखते बडिया हैं , नतीजों के बाद भी इन्होने लिखा है "मैं पराजित पर हारा नही हूँ " पर लोग यहाँ भी नही आते

और भी जाने कितने नेता ब्लागर आए कितने गए पर लगातार पाठक नही साध पाए , आप ही बताएं ऐसा क्यों





"ये हैं इंटरनेशनल नेता.... "

एक बात और ट्विटर पर एक संसद महोदय इन दिनों जामे हुए हैं सही मायने में हाई-टेक तो ये ही लगते हैं , शशि थरूर लगातार अपने बारे में लिखते रहते हैं , दिन भर , और हाँ इनकी एक वेबसाइट भी है जहाँ से ये लोगों ये जुड़ते हैंये वेबसाइट भी चुनावी है

उम्मीद है की ये ब्लॉग मरेंगे नही और हमें कभी कभी दोबारा इन्हे पढ़ने को मिलेगा





इन पर भी कसो नकेल, ब्राउन से सीखो

क्या आप सांसद हैं ? क्या आपने कभी पैसा खाया है, किसी को मरवाया है, किसी घोटाले में आपका नाम है, या अपने किसी भतीजे की नौकरी लगवाई है तो फ़िर भी परेशान होने की कोई ज़रूरत नही है , आप भारत में है और यहाँ सांसदों के लिए कोई आचार संहिता नही है पर भूल कर भी ब्रिटेन मत जाइएगा क्योंकि वहां आचार संहिता बने जा रही है सांसदों के लिए आचार संहिता सुनने में जरूर कुछ अजीब लग रहा होगा, पर कुछ ऐसा हुआ है ब्रिटेन में। सांसदो के खर्च घोटाले के शर्मसार खुलासों के बीच ब्रिटेन सरकार की योजना निर्माताओं के लिए बाध्यकारी कानून लागू करने की योजना बनाई है।

प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा कि उनकी योजना सांसदों के लिए बाध्यकारी कानून लागू करने की है, जो अन्य सार्वजनिक संस्थानों के लिए चेतावानी है कि कठोर छानबीन का सामना करना होगा।

संविधान सुधार विधेयक की योजना तय करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ऐसा प्रावधान शामिल होगा जो जिम्मेदारियां निर्धारित करेगा। सांसदों के लिए एक आचार संहिता होगी। ब्राउन के हवाले से मीडिया में कहा गया है कि उसके बाद हम एक स्वतंत्र बाहरी संस्था बनाएंगे। जो अब से आगे इन चीजों का प्रबंधन करेगी।

लेकिन ब्राउन की परेशानी इस से सुलझने से ज्यादा बढ़ते जा रही है , एक-एक करके उनके तीन मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं
वे एक दमदार नेता हैं और ऐसी छोटी बातों से वे डिगने वाले नही हैं , उनकी पार्टी का विशवास उन में है और वे पूरे विश्व के लिए उदहारण प्रस्तुत करना चाहते हैंउन की जय हो

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